Navratri Special: नागौर के बिरदा माता मंदिर में आज घटस्थापना, मां शैलपुत्री के जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर

नागौर: रियांबड़ी कस्बे में आज बिरदा माता मंदिर में घट स्थापना की गई. इस मौके पर मंदिर के पुजारी लक्ष्मीनारायण पाराशर ने आरती कर पूजा अर्चना के साथ गणेश स्थापना की गई. मुख्य यजमान के रूप में रामकिशोर तिवाड़ी, राम प्रसाद सोनी, कैलाश माली, नथमल बल्दवा सहित अनेक भक्त मौजूद रहे. शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन की मान्यता है. 

माना जाता है कि मां शैलपुत्री महान उत्साह वाली देवी और भय का नाश करने वाली है. इनकी आराधना से यश, कीर्ति, धन और विद्या की प्राप्ति होती है. इनकी पूजा मात्र से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. मान्यता अनुसार जगदंबा मां शैलपुत्री स्वरूप में पर्वत राज हिमालय के घर पुत्री रूप में अवतरित हुई थी और कालांतर में जगदंबा इसी स्वरूप में पार्वती के नाम से देवों के देव भगवान शंकर की अर्धांगनी हुई. 

मां शैलपुत्री का मंदिर अलइपुर क्षेत्र में वरुणा नदी के किनारे स्तिथ है. नवरात्री के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ पड़ी. हाथों में नारिअल और फूल माला लेकर सभी अपनी बारी का इंतजार मां के दर्शन के लिए कर रहे थे. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय माता दी के उद्घोष से गूंज उठा.

इस स्वरूप के दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे पाप नष्ट:

देवों के देव महादेव की नगरी काशी में नवरात्र में शक्ति की उपासना और आराधना हो रही है और हो भी क्यों ना. ये नजारा वाराणसी के शैलपुत्री मंदिर का है. आम तौर पर नवरात्र नव दिनों का होता है. जिसमें देवी के विभिन्न स्वरूपों का अलग-अलग स्थानों पर दर्शन पूजन का विधान है. नवरात्र के पहले पर्वत राज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री के दर्शन का विधान हुआ.