खड़गे के शपथ समारोह से पहले CM गहलोत का बयान- BJP, PM मोदी को सिर्फ राहुल गांधी ही चुनौती दे सकते हैं

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि केवल राहुल गांधी ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दे सकते हैं और उन्होंने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए एक संदेश दिया है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के नये अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी को मजबूत करने में हर संभव समर्थन देने का आश्वासन दिया.

उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका इस्तीफा सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए एक भावुक क्षण है.
गहलोत उन लोगों में शामिल थे, जो खरगे के कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के नये प्रमुख का पदभार संभालने के बाद सोनिया गांधी के साथ उनके 10, जनपथ स्थित आवास पर गए. उनके साथ पार्टी नेता के. सी. वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और हरीश रावत भी थे. गहलोत ने संवाददाताओं से कहा  कि हम चाहते थे कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनें क्योंकि वह ही भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दे सकते हैं.

महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को भी उठाया:
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा ने देश को संदेश दिया है कि प्यार और स्नेह की राजनीति होनी चाहिए तथा नफरत की राजनीति पर पूर्ण विराम लगना चाहिए. उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को भी उठाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि खरगे ने यह निर्णय लिये जाने के बाद पदभार ग्रहण किया कि एक गैर-गांधी पार्टी अध्यक्ष होना चाहिए. मुझे लगता है कि चुनौती बहुत बड़ी है और हम सभी यह सुनिश्चित करेंगे कि सोनिया गांधी ने जो भी फैसला किया है उसका सम्मान किया जाए.

हम सभी खरगे जी को मजबूत करने में मदद करेंगे:
गहलोत ने कहा कि ऐसे समय में जब देश बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, यह कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत है. राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस को कम संसाधनों के साथ लड़ना होगा और फासीवादी ताकतों से मुकाबला करने की चुनौती स्वीकार करनी होगी. उन्होंने कहा कि आज एक नई शुरुआत है और हम सभी खरगे जी को मजबूत करने में मदद करेंगे.

दलितों को गर्व और सशक्त महसूस करना चाहिए:
उन्होंने कहा कि एक दलित नेता को कांग्रेस का नेतृत्व करने का मौका मिला है और देश के सभी दलितों को गर्व और सशक्त महसूस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस कदम से कांग्रेस को समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी. सोनिया गांधी की भूमिका की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि यह हर कांग्रेस सदस्य के लिए एक भावुक क्षण है. उन्होंने कहा कि जो लोग सोनिया जी के राजनीति में आने के खिलाफ थे, वे उनके प्रशंसक बन गए.

पार्टियों के साथ गठबंधन करके संप्रग का गठन किया:
उन्होंने कहा कि 2004 और 2009 में भाजपा को हराकर केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार बनी थी. सोनिया जी ने प्रधानमंत्री का पद भी छोड़ दिया और हमेशा एक परिवार की तरह कांग्रेस चलाई. त्याग, स्नेह और अपनत्व की इस भावना के कारण, पार्टी उनके नेतृत्व में एकजुट रही और कई पार्टियों के साथ गठबंधन करके संप्रग का गठन किया.

सभी राज्यों में कांग्रेस की जीत हुई:
उन्होंने कहा कि 1998 में जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था, तब पार्टी की केंद्र में सरकार नहीं थी और उसे राज्यों में भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था और सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद सभी राज्यों में कांग्रेस की जीत हुई. पार्टी में सोनिया गांधी के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने 22 साल तक पार्टी का नेतृत्व किया और तब भी हमने उनसे कांग्रेस पार्टी के हित में पार्टी प्रमुख बनने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने केंद्र में दो बार संप्रग सरकार और 12 राज्यों में सरकारें बनाईं. सोर्स-भाषा