स्वतंत्रता संग्राम की गाथा पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करें- CM खट्टर

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों और समाज के विभिन्न वर्गों से 'आजादी का अमृत महोत्सव' के दौरान देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों से लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के बारे में जागरूक किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए 'सर्वोच्च बलिदानों की अमर गाथा' से अवगत करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मुख्यमंत्री मंगलवार को पंचकूला में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत दूरदर्शन द्वारा आयोजित ‘स्वराज’ धारावाहिक की विशेष ‘स्क्रीनिंग’ के अवसर पर बोल रहे थे. ‘स्वराज- भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ दूरदर्शन द्वारा बनाया गया 75-एपिसोड का एक धारावाहिक है, जो 15वीं शताब्दी के बाद से भारत के स्वतंत्रता संग्राम को दर्शाएगा, जब वास्को डी गामा देश आये थे. यह धारावाहिक पिछले महीने भारतीय इतिहास के, स्वतंत्रता संग्राम के अनभिज्ञ पहलुओं, नायकों के जीवन और बलिदानों को प्रदर्शित करने के लिए शुरू किया गया था. एक आधिकारिक बयान में खट्टर के हवाले से कहा गया, ‘‘इस धारावाहिक के जरिये लोगों को स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों की झलक देखने को मिलेगी.’’

उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम 1857 में शुरू हुआ था, लेकिन इससे पहले भी कईं क्रांतिकारियों ने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी. उन्होंने पहले मुगलों से युद्ध किया, इसके बाद अंग्रेज़ों से लोहा लिया. इस संघर्ष में कईं महान लोगों ने बलिदान दिए, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' में बहादुर शहीदों की जानकारी को 75-एपिसोड के धारावाहिक के जरिये आम लोगों तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन द्वारा किया गया यह प्रयत्न सराहनीय है. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. इस कार्यक्रम के तहत दो साल से पूरे देश में कई देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं. ‘स्क्रीनिंग’ कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, गृह मंत्री अनिल विज और शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी मौजूद थे. सोर्स- भाषा