VIDEO: बौंली के लाखनपुर घाटी में फिर नजर आया पैंथर, स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल

बौंली(सवाईमाधोपुर): उपखंड क्षेत्र बौंली में पैंथर की मूवमेंट दहशत का पर्याय बनी हुई है. वन क्षेत्र एवं रिहायशी कॉलोनियों में लगातार पैंथर की मूवमेंट से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.विगत वर्ष भर में दो पैंथर रेस्क्यू किए जाने के बावजूद क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर पेंथर की मूवमेंट दिखाई देती है. हाल ही में देर रात बौंली से सटे हुए ग्राम लाखनपुर की घाटी में एक पेंथर स्वच्छंद रूप से विचरण करता हुआ दिखाई दिया. मुख्य सड़क पर लगभग 5 मिनट तक चहलकदमी करता हुआ पैंथर दिखाई दिया. हालांकि पैंथर ने किसी पर कोई हमला नहीं किया.चार पहिया वाहन में बैठे हुए राहगीरों ने घटनाक्रम का वीडियो भी बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

स्थानीय समाजसेवी सूरजमल वैष्णव ने बताया कि लाखनपुर घाटी में चार-पांच पैंथर हैं जो पानी की चाह में रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं. लाखनपुर घाटी के हैंडपंप,बौंली हैंडपंप व लाखनपुर में बनी हुई खेल आदि वाटर स्पोट पर पैंथर की आवाजाही लगातार बनी रहती है.वन क्षेत्र में पानी की समुचित व्यवस्था ना होने से जंगली जानवर रिहायशी कॉलोनी में आते हैं. दुपहिया वाहन चालकों को रात्रि में वाहन चलाने में भय का सामना करना पड़ता है.कई दफा वाहन चालकों के सामने पैंथर आ जाने के मामले सामने आ चुके हैं.

गौरतलब है कि वन क्षेत्र में मानवीय दखलंदाजी के चलते जंगल के राजा अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते दिखाई देते हैं. शहरीकरण होने के बाद वन क्षेत्रों का आकार सिमट जाने से जंगली जानवरों का अस्तित्व भी संकट में है.ऐसे में अब जंगली जानवर रिहायशी कॉलोनियों में अपने लिए भोजन व पानी की तलाश करते दिखाई पड़ते हैं.लाखनपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने वन क्षेत्र में आवश्यक स्थानों पर वाटर स्पोट बनाने की मांग की है ताकि जंगली जानवर अपनी प्यास बुझा सके और उन्हें रिहायशी इलाकों में ना आना पड़े.पूर्व में मित्रपुरा,रवासा,गंगवाड़ा सहित कई गांव में पैंथर द्वारा मवेशियों के शिकार के दर्जन भर मामले सामने आ चुके हैं.ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों ने भी पशुओं को सुरक्षित बांधने व वन क्षेत्र से पर्याप्त दूरी बनाए रखने की अपील की है.