Parliament Winter Session: विपक्षी सदस्यों ने महंगाई और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा

Parliament Winter Session: विपक्षी सदस्यों ने महंगाई और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा

नई दिल्ली: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अर्थव्यवस्था की स्थिति और महंगाई को लेकर मंगलवार को लोकसभा में सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजनीतिक विरोधियों एवं सरकार से असहमत कारोबारियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि वैश्विक स्तर की चुनौतियों के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है.

लोकसभा में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर सोमवार को अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि किसी को नीचा दिखाने के लिए ‘पप्पू’ शब्दावली का इस्तेमाल किया गया. आंकड़ों के जरिये पता चलता है कि ‘असली पप्पू’ कौन है?

उन्होंने कहा कि विदेश राज्य मंत्री ने सदन में बताया कि पिछले नौ वर्षों में लाखों लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी. मोइत्राा ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है कि लोग नागरिकता छोड़ रहे हैं. महुआ ने दावा किया कि विरोधी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी को इस्तेमाल किया जा रहा है. यह बताना चाहिए कि ईडी के मामलों दोषसिद्धि का प्रतिशत क्या है? क्या सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए इस एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है? असली पप्पू कौन है?

उन्होंने सवाल किया कि सरकार अतिरिक्त राजस्व, खासकर कर से इतर राजस्व संग्रह के लिए क्या कर रही है? तृणमूल सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि हम लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. हमारा यह अधिकार है कि सरकार की अक्षमता को लेकर उससे सवाल करें. यह सरकार का राजधर्म है कि वह जवाब दे. वह ‘खिसियानी बिल्ली’ की तरह व्यवहार नहीं करे.
उन्होंने हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और खासकर हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम का हवाला देते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अपना गृह राज्य नहीं बचा सके, वहां हार का सामना करना पड़ा. अब ‘असली पप्पू’ कौन है? तृणमूल सदस्य ने कहा कि सरकार वह होनी चाहिए जो ‘मजबूत नैतिकता’, ‘मजबूत कानून व्यवस्था’ और ‘मजबूत अर्थव्यवस्था’ सुनिश्चित करे.

चर्चा में भाग लेते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए एम आरिफ ने सरकार को ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ पर श्वेत पत्र लाने की चुनौती दी और यह भी कहा कि लेकिन वह ऐसा नहीं करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि देश के प्रमुख हवाई अड्डों और बंदरगाहों को एक उद्योगपति के हाथों में सौंपा जा रहा है.

सरकार को विवादित बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए:
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि सरकार को विवादित बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी के जगदंबिका पाल ने महुआ मोइत्रा पर पलटवार करते हए कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों को लाने पर सवाल उठाने का क्या औचित्य है. राज्यों में भी इसे लाया जाता है. यहां कहा जा रहा है पप्पू कौन है तो फिर बताना चाहिए है कि राज्य में...कौन है?

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था:
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और दुनिया के कई देशों के मुकाबले उसकी विकास दर ज्यादा है. पाल ने कहा कि सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण किया है, जबकि दुनिया के कई देशों में महंगाई बेकाबू हो गई है. भाजपा सांसद ने कहा कि दुनिया में मंदी के बावजूद भारत का निर्यात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि देश के बजट, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को लेकर राजनीति से ऊपर उठकर बात करनी चाहिए. कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने कहा कि रबर का मूल्य कम है, इसे बढ़ाना चाहिए. उनका कहना था कि सरकार को पशुपालन को भी मनरेगा के दायरे में लाना चाहिए. कुरियाकोस ने कहा कि केरल और कुछ अन्य राज्यों में मनरेगा के आवंटन बकाया हैं, जिसका भुगतान किया जाना चाहिए.

बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया और नहीं लौटाया:
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के इम्तियाज जलील ने कहा कि अगर कोई आम व्यक्ति कर्ज लेता है और उसे वापस नहीं करता तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है, लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया और नहीं लौटाया, उनके कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को उनके नाम बताने चाहिए जिनके कर्ज बट्टे खाते में डाले गए. जलील ने कहा कि महंगाई की यह स्थिति है कि किसी समय 450 रुपये का रहा रसोई गैस सिलेंडर अब 1100 रुपये का हो गया है.