जयपुर: पूर्व कांग्रेसी अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से जाने के बाद सीएम गहलोत फिर बजट की तैयारियों में जुट गए हैं. इसके तहत उन्होंने गुरुवार को सचिवालय में महिला संगठनों, युवाओं, छात्रों और प्रोफेशनल्स से सुझाव लिए. इसमें खासतौर पर इस पर जोर दिया गया कि अब घोषणाओं और योजनाओं को धरातल पर उतारे जाने की जरूरत है.
चुनावी साल का यह बजट युवाओं और महिलाओं को समर्पित होगा. सचिवालय में बजट पूर्व बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि युवा खिलाड़ियों, महिलाओं प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स की ऊर्जा और क्षमताओं का सही दिशा में उपयोग कर प्रदेश के विकास को नई सोच के साथ नई दिशा दी जा सके, इसके लिए राज्य सरकार लगातार फैसले ले रही है. युवाओं और महिलाओं को बेहतर अवसर और वातावरण उपलब्ध कराकर आगे बढ़ाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बजट में भी युवाओं और महिलाओं के सुझावों को स्थान की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाया जाएगा. गहलोत ने कहा कि महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार और विकास में भागीदार बनाने के लिए दहेज, घूंघट एवं बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन बेहद जरूरी है. समाज की प्रबुद्ध और प्रोफेशनल महिलाएं और युवा वर्ग इन बुराइयों को दूर करने के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बेहतरीन कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो. इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ काम किया जा रहा है विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्ययन के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना-2021 शुरू की है.
- बजट में सभी विधानसभा क्षेत्र में महिला सुरक्षा और सलाह केंद्र स्थापित किए जाएं. 33 जिलों में 41 केंद्र पहले से ही हैं कार्यरत.
- साथ ही परामर्शदाताओं का मानदेय बढ़ाया जाए.
- इसके साथ सोशल मीडिया यू ट्यूब को मान्यता दी जाए
- सरकारी भर्तियों में अवरोध खत्म कर तुरंत प्रक्रिया शुरू की जाए व संविदा कर्मियों को स्थाई किया जाए.
- साथ ही सभी जिलों में उबर,ओला, रेपीडो की तरह ऑटो, टैक्सी, बाइक सहित यातायात की सुविधा सरकार के स्तर पर हो.
- एक ऐसी हेल्प लाईन शुरू करने का भी सुझाव जिसमे सभी तरह की सूचनाओं का आदान प्रदान युवाओं के लिए हो.
- इसके अलावा वंचित कलाकारों को उचित मदद और सुरक्षा दी जाए.
- प्रेम विवाह करने वालों जोड़ों की सुरक्षा के लिए कपल शेल्टर होम की मांग
- बाल विवाह को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी की तरह मुखबिर योजना शुरू हो.
- एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 2019-21 के मध्य 25.4% महिलाओं का बाल विवाह हुआ यानि विवाह के समय उनकी उम्र 18 साल से कम थी.
- शहरी क्षेत्रों में यह 15.1% और ग्रामीण क्षेत्रों में 28.3% तक रहा.
- बाल विवाह के बाद में 3.7 प्रतिशत लड़कियां 15 से 19 साल की उम्र में ही मां बन जाती है.
- शहरी क्षेत्र में 1.8 प्रतिशत लड़कियां 15 से 19 साल के बीच में ही मां बनती है . दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में 4.2 प्रतिशत लड़कियां 15 से 19 साल में मां बनती हैं.
- सरकारी स्कूलों और कार्यालयों में टॉयलेट और पानी की समस्या के लिए बजट होना चाहिए.
- ग्रामीण और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंटिस्ट की कमी है , सरकार को डेंटिस्ट की भर्ती करनी चाहिए.
- इस बजट में ऐसा प्रावधान किया जाये कि जिनके लिए कानून बनाए गए हैं वह वास्तव में उन तक पहुंचे.
- पॉक्सो कानून लाया गया लेकिन इसके लिए जागरूकता अभियान चलाकर बताना जरूरी.
- ग्राउंड लेवल पर कार्यशाला होनी चाहिए.
- प्रदेश में हर जिले में बालिका गृह होना चाहिए.
- कई जगह बालिका गृह नहीं होने से कई बार बच्चियों को रात्रि विश्राम में दिक्कत आती है.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार एक करोड़ से ज्यादा प्रदेशवासियों को पेंशन दे रही है. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे उपचार की चिता से मुक्ति मिली है.