पूर्ववर्ती सरकारों ने जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण विकास को नजरअंदाज किया : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

पूर्ववर्ती सरकारों ने जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण विकास को नजरअंदाज किया : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

जंबूघोड़ा (गुजरात):  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसके नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी भी जनजातीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के बारे में नहीं सोचा जबकि अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने पृथक जनजातीय कल्याण मंत्रालय का गठन किया. जनजातीय बहुल पंचमहल जिले के जंबूघोड़ा में करीब 860 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद मोदी वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. प्रधानमंत्री तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं जहां, इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.

उन्होंने कहा कि जनजातीय कल्याण मंत्रालय का गठन प्रधानमंत्री रहते वाजपेयी ने किया था. भाजपा के सत्ता में आने से पहले ऐसा कोई मंत्रालय नहीं था. मंत्रालय के गठन के बाद जनजातीय लोगों के विकास पर राशि खर्च की जानी शुरु हुई. प्रधानमंत्री ने कहा कि याद कीजिए 20 साल पहले गुजरात में जनजातीय क्षेत्रों की क्या स्थिति हुआ करती थी. जब मुझे राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था. इससे पहले गुजरात में राज करने वालों ने जनजातीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कुछ नहीं किया.

उन्होंने कहा कि जनजातीय और गैर-जनजातीय क्षेत्रों में भारी अंतर होता था और जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव हुआ करता था. उन्होंने कहा कि स्कूल नहीं थे, खाने की उपलब्धता मुद्दा थी, हम लोगों ने इस स्थिति को बदलने के लिए कड़ी मेहनत की और जनजातीय लोगों की सक्रिय भागीदारी से हम स्थिति को बदलने में बहुत हद तक सफल हुए.मोदी ने कहा कि जनजातीय छात्रों के लिए करीब 10,000 नए विद्यालय खोले गए हैं.

उन्होंने कहा कि आज गुजरात में दो जनजातीय विश्वविद्यालय हैं. गोधरा में गोविंद गुरु विश्वविद्यालय है और नर्मदा जिले में बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय है. दोनों ही देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालय हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में पाइप से पानी पहुंचाने की सुविधा, सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था और दूध क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए कदम उठाए गए ताकि इनका विकास हो सके. उन्होंने कहा कि जनजातीय महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए सखी मंडल नाम से महिलाओं के समूह बनाए गए ताकि उनकी आय बढ़ सके.

उन्होंने कहा कि सभी के प्रयास से अच्छी सड़कें हर गांव में पहुंच चुकी हैं और वहां चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति भी की जा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय बहुल डांग गुजरात का पहला जिला था जहां चौबीसों घंटे बिजली की व्यवस्था सबसे पहले की गई थी और इसकी वजह से जिले के आसपास औद्योगिक विस्तार हुआ. उन्होंने कहा कि गुजरात स्वर्णिम गलियारे के साथ ही हलोल-कलोल का विकास औद्योगिक केंद्र के रूप में किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार थी जिसने 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया. प्रधानमंत्री ने स्वाधीनता आंदोलन में जनजातीय वर्ग के योगदान की भी सराहना की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री गोविंद गुरु विश्वविद्यालय के नवनिर्मित गोधरा परिसर का भी उद्घाटन किया. उन्होंने वाडेक गांव में संत जोरिया परमेश्वर प्राथमिक विद्यालय एवं स्मारक और डांडियापुरा गांव में राजा रूप सिंह नायक प्राथमिक विद्यालय एवं स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने केंद्रीय विद्यालय, गोधरा के भवन का शिलान्यास किया और गोधरा मेडिकल कॉलेज के विकास और कौशल्या- कौशल विश्वविद्यालय के विस्तार की भी आधारशिला रखी. इन परियोजनाओं पर 680 करोड़ रुपये की लागत आएगी.(भाषा)