प्रियंका चोपड़ा जोनस केन्या यात्रा पर, खाद्य संकट का सामना कर रहे देश की मदद की लगाई गुहार

प्रियंका चोपड़ा जोनस केन्या यात्रा पर, खाद्य संकट का सामना कर रहे देश की मदद की लगाई गुहार

जोहानिसबर्ग: अभिनेत्री एवं निर्मता प्रियंका चोपड़ा जोनस ने केन्या यात्रा के दौरान दुनियाभर के लोगों से खाद्य संकट का सामना कर रहे देश की मदद के लिए यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने की अपील की है. यूनीसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) की सद्भावना दूत प्रियंका ने सोमवार रात सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि इस अफ्रीकी देश के बच्चे भूख के कारण मर रहे हैं और इस विकट स्थिति से निपटने के लिए कोष की जरूरत है.

प्रियंका ने कहा कि बच्चे भूख से मर रहे हैं और लाखों लोग भुखमरी की कगार पर हैं. यह जलवायु संकट का प्रकोप है जो केन्या में हो रहा है, लेकिन उम्मीद अब भी कायम है और इसका समाधान भी है. अभिनेत्री ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, आने वाले कुछ दिनों में यूनीसेफ द्वारा लोगों की जान बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को दिखाऊंगी, लेकिन इस अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिए धन की सख्त जरूरत है ताकि ये नेक काम जारी रहें.

प्रियंका ने कहा कि मां बनने के बाद इस विकट स्थिति का उनपर एक अलग ही असर हुआ है. प्रियंका और उनके गायक पति निक जोनस की एक बेटी है, जिसका जन्म इस साल जनवरी में हुआ था. अभिनेतत्री ने वीडियो में कहा कि मुझे आज बेचैनी हो रही है. मेरा दिमाग एक समय में हजारों जगह घूम रहा है, मुझे काफी परेशानी हो रही है. लॉस एंजिलिस से उड़ान भरने के बाद से ही मेरी यह हालत है.

उन्होंने कहा कि मैं यूनीसेफ के दल के साथ केन्या में हूं ताकि जमीनी स्तर पर संकट से रूबरू हो पाऊं. मुझे पता है कि यह मुश्किल होने वाला है लेकिन फिर भी मैं आपको इस यात्रा पर साथ रखना चाहती हूं. यूनीसेफ की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दुनियाभर में खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है और यूक्रेन में युद्ध के कारण यह स्थिति बदतर हो गई है. लगातार तीन साल से बारिश के मौसम के उम्मीद मुताबिक न रहने के कारण जिबूती, इथियोपिया, केन्या और सोमालिया के लोग भोजन और पानी की तलाश में सब कुछ पीछे छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार कि परिवार खाद्य आपूर्ति की बढ़ती कीमतों के साथ गुजर बसर नहीं कर पा रहे हैं, उनके मवेशी मर रहे हैं और आमदनी सीमित होती जा रही है. उनकी पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है. लाखों बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हो गए हैं, यह हमारी पीढ़ी का सबसे भयानक खाद्य संकट है. (भाषा)