जयपुर: राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच 16 अक्टूबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मीटिंग को मीडिया कल्पना की उड़ान होने की जानकारी सामने आई है.
दिल्ली में सीएम गहलोत, प्रियंका गांधी से मिले थे. इस दौरान केसी वेणुगोपाल और माकन भी मौजूद थे. लेकिन मीडिया ने राहुल और गहलोत की मीटिंग को प्रचारित किया. जबकि गहलोत वस्तुत: राहुल से मिले ही नहीं. लेकिन मीडिया के एक वर्ग ने जानबूझकर यह भ्रम फैलाया और राहुल-गहलोत की कथित मीटिंग को राहुल की नाराजगी की खबरें चलाई.
राहुल द्वारा मुख्यमंत्री को 22 अक्टूबर को फिर दिल्ली बुलाए जाने की भी खबरें चली. राहुल के नाम से पायलट कैंप के लोगों को तत्काल मंत्रिमंडल में लेने के भी संकेत चलाए. इसके साथ ही राजनीतिक नेतृत्व पर नौकरशाही के हावी होने का भी प्रचार किया गया और एक प्रकार से गहलोत के नेतृत्व में 2023 का चुनाव नहीं जीत पाने की भी संभावनाएं व्यक्त की. लेकिन सीएम गहलोत के OSD लोकेश शर्मा के ट्वीट ने सारी पोल खोल दी.
सीएम के OSD लोकेश शर्मा के ट्वीट ने खोल दी सारी पोल:
लोकेश शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि उस दिन राहुल के साथ गहलोत की कोई मीटिंग नहीं हुई. ...तो फिर आखिर कैसे अखबारों में छपा राहुल और गहलोत के बीच का काल्पनिक संवाद? अब मीडिया के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये से गहलोत के विधायों में नाराजगी है.
कुछ मीडिया संस्थान अज्ञानतावश अथवा शरारतपूर्ण मानसिकता के कारण माननीय मुख्यमंत्री एवं श्री राहुल गांधी की 16 अक्टूबर को मुलाकात से संबंधित खबरें चला रहे हैं। 16 अक्टूबर को माननीय मुख्यमंत्री की श्री राहुल गांधी जी से कोई मुलाकात नहीं हुई।
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) October 20, 2021
zइस बैठक में श्री अशोक गहलोत, श्रीमती प्रियंका गांधी, श्री केसी वेणुगोपाल, श्री अजय माकन शामिल थे। लेकिन कुछ मीडिया संस्थान इस बैठक में राहुल जी के शामिल होने की अफवाह फैलाकर गलत खबरें चला रहे हैं। किसी भी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान द्वारा ऐसी मनगढंत खबरें चलाना शर्मनाक है।
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) October 20, 2021