जयपुर: साल 2023 में राजस्थान की कांग्रेस को "एक" करने की दिशा में नए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कदम आगे बढ़ाए है. जयपुर में बीते दो दिनों में चली मैराथन फीडबैक बैठकों में रंधावा ने संकेत दे दिए. इस दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैंप की खींचतान सामने आ गई. गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने कह दिया कि जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस ठीक नहीं उनके टिकट काटे जाए. रंधावा ने साफ कहा कि सर्वे के आधार पर टिकट बांटे जायेंगे.
राजस्थान की कांग्रेस में सब कुछ ठीक नही चल रहा, 20 दिन पहले प्रभारी बने सुखजिंदर सिंह रंधावा के ये समझ आ गया. यही कारण है उन्होंने फाइव स्टार में रुकने के बजाए जयपुर के सर्किट हाउस में रुककर नेताओं की मन बात को सुना और पीसीसी वॉर रूम में मैराथन बैठकें ली. मंत्री परिषद की फीडबैक बैठक में पेपर लीक और थर्ड टीचर्स के तबादले की गूंज सुनाई दी.
मंत्री उदयलाल आंजना और राजेंद्र यादव सक्रिय दिखे. आंजना का कहना साफ था कि आपसी खींचतान दूर करके ही सत्ता लाई जा सकती है. उनका लाल चंद कटारिया, राजेंद्र यादव समेत कुछ मंत्रियों ने समर्थन किया. अशोक चांदना ने मंत्रियों के अधिकारों पर बात रखी. चांदना बोले कई बार मंत्री को क्रॉस कर दिया जाता है ये ठीक नही.
---टिकट कटे तो, मिले जीत---
मंत्री राजेंद्र यादव ने मंत्रिपरिषद बैठक में कहा कि मंत्रियों की परफॉर्मेंस को आंका जाए. जिनकी परफॉर्मेंस खराब हो उनको टिकट नही दिए जाए. चाहे वो कितने ही बड़ा कद का नेता क्यों ना हो. ऐसे कटने वाले टिकट 25 भी हो सकते है या 30 भी. पिछली बार जो विधानसभा चुनाव हारे थे उनमें फिर जीतने वाले को टिकट मिलना चाहिए. जो जीतने योग्य नही उसका टिकट काटा जाए. कड़े फैसले लेने पर ही सरकार आ सकती है.
---सर्वे के आधार पर टिकट मिलेंगे---
रंधावा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट सर्वे के आधार पर मिलेंगे अभी हम किसी को टिकट नहीं बांट रहे हैं. टिकट से पहले हम सर्वे करवाएंगे और फिर उसके रिजलट के आधार पर ही टिकट तय होगा. सर्वे तो जारी है. अभी किसी को टिकट नहीं दे रहे हैं लेकिन सर्वे करवा रहे हैं. जिनका नंबर सर्वे में आएगा वही टिकट के हकदार होंगे. चाहे मंत्रिपरिषद हो या फिर लोकसभा-विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों की फीडबैक बैठकें करेंगे.
गहलोत और पायलट के बीच का विवाद प्रमुखता से उठा:
इस दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद प्रमुखता से उठा था. कुछ मंत्रियों की राय थी कि चुनाव में जाने से पहले इस विवाद को सुलझाना जरूरी है. कई दूसरे पदाधिकारियों ने भी यह बात उठाई थी कि दोनों नेताओं के विवाद की चर्चा से ग्रासरूट स्तर तक पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ जनता में भी कंफ्यूजन बना हुआ है. कई नेताओं ने कहा था कि इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है और आगे यह बढ़ता ही जाएगा, चुनाव में जाने से पहले विवाद नहीं सुलझा तो नुकसान तय है.
राजनीतिक जानकार इसे आसान टास्क नहीं मान रहे:
अब प्रदेश प्रभारी रंधावा ने विवाद सुलझाने का दावा किया है लेकिन राजनीतिक जानकार इसे आसान टास्क नहीं मान रहे हैं. पायलट खेमा लगातार सीएम बदलने की मांग कर रहा है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से ठीक पहले संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विवाद को शांत करवाया था. ये तब की बात है जब सीएम गहलोत ने पायलट को गद्दार तक कह दिया था. बहरहाल, रंधावा ने दावा किया है कि अगले दो दिन में संगठन में खाली पदों पर नियुक्तियां होंगी. जल्द सभी खाली पदों पर नियुक्तियां करने का दावा किया है.
कांग्रेस में 15 जुलाई 2020 के बाद से ब्लॉक, जिले बिना पदाधिकारियों के चल रहे:
कांग्रेस में 15 जुलाई 2020 के बाद से ब्लॉक, जिले बिना पदाधिकारियों के चल रहे हैं. पायलट खेमे की बगावत के समय भंग किए गए संगइन के पदों पर अब तक नियुक्तियां नहीं हुई हैं. केवल 39 प्रदेश पदाधिकारी और 13 जिलाध्यक्षों को छोड़कर संगठन में ढाई साल से पदाधिकाारी नहीं हैं. जल्द ही सुखजिंदर सिंह रंधावा राज्य की कांग्रेस में भावी बदलावों और नवाचारों को लेकर एक रिपोर्ट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिक मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपेंगे. इसके बाद आगामी चुनावी रणनीति तैयार होगी. ये जरूर है कि नए साल का पहला महिन जनवरी राज्य की कांग्रेस के लिए बेहद अहम है.