जयपुर: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत स्थिर रहने के बावजूद देश में तेल कंपनियां अपनी मनमानी जारी है. दीपावली से पहले पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ने से आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है. पिछले 36 दिन से पेट्रोल-डीजल के दामों में एक बार फिर वृद्धि का दौर शुरू हो चुका है. आज भी पेट्रोल 37 पैसे तो डीजल भी 37 पैसे प्रति लीटर बढ़ा. नतीजा यह हुआ कि राजधानी डीज़ल 107 के पार पहुंच गया.
आज पेट्रोल 115 रुपए 94 पैसे तो डीजल 107 रुपए 22 पैसे के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया. पिछले 36 दिन में पेट्रोल 7 रुपए 81 पैसे और डीज़ल 9 रुपए 21 पैसे चढ़ चुका है. दरों में वृद्धि का यह आलम बरकरार रहा तो पेट्रोल दीपावाली पर 120 के पार पहुंच जाएगा. कोरोना जैसी महामारी के दौर में तेल कंपनियों की यह वक्री चाल आम आदमी की कमर तोड़ने में लगी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के आसपास स्थिर है ऐसे में अभी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा जनता पर भारी पड़ रहा है.
दरअसल केंद्र सरकार सेंट्रल एक्साइज और राज्य सरकार वैट के रूप में पिछले 19 महीने में कई बार वृद्धि कर चुके हैं. हालांकि राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल में 2 फ़ीसदी की वैट में राहत भी दी थी लेकिन यह राहत 'ऊंट के मुंह में जीरे' के समान रही. अब आमजन उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्र सरकार सेंट्रल एक्साइज में राहत दे तो पेट्रोल डीजल के दामों में कमी आ सके.
पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ने से अन्य चीज़ों पर भी महंगाई बढ़ रही:
पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ने से अन्य चीज़ों पर भी महंगाई बढ़ रही है. खाने-पीने की चीज़ें लगातार महंगी हो रही हैं. इसका असर सब्जियों पर भी खूब देखने को मिल रहा है. इससे आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का बजट बुरी तरह से बिगड़ा हुआ है. इस महीने पेट्रोल डीजल पर 20 से अधिक बार वृद्धि हो चुकी है.