Rajasthan: अनुशासन और नवाचारों से भरा रहा सीएस उषा शर्मा का 8 माह का कार्यकाल, CM गहलोत के गुड गवर्नेंस के मैंडेट को लागू करने में निभाई अहम भूमिका

जयपुर: उषा शर्मा का बतौर सीएस 8 माह का कार्यकाल अनुशासन और नवाचारों से भरा रहा है. इसके जरिये जहां सीएस ऑफिस का डेकोरम लौटा है तो वहीं मुख्य सचिव से जुड़ी अहम इकाइयों को मजबूत करते हुए सीएम गहलोत के गुड गवर्नेस के मैंडेट को लागू करने में अहम भूमिका निभाई गई है. 

सीएस उषा शर्मा ने सीएस के रूप में जिम्मेदारी संभालते ही नवाचारों के लिए प्रोत्साहन शुरू कर दिया. उन्होंने सीएस बनते ही सबसे पहले सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों और सचिवों में विश्वास बहाल करके उनसे सहयोग और तालमेल पर फोकस किया. 

1.कोर्डिनेशन:- 
- उषा शर्मा ने विभागों के अंतर्विभागीय मुद्दों को आपसी सहमति से सुलझाने को लेकर की नई पहल. 
- ऐसे मुद्दों को  सुलझाने के लिए हालांकि सीएस की अध्यक्षता में कमेटी पहले भी बनी हुई थी. लेकिन उन्होंने इसके लिए ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज बनाकर उनकी बैठक ली.
- इससे 2 या कई विभागों के मुद्दों को आपसी समझ के आधार पर हल करना संभव हो सका. इन विभागों के बनाए गए ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज 
- राज्य स्तरीय आयोजना व  विकास समन्वय समितियों के स्थान पर हुआ है समितियों का गठन.  
- कृषक कल्याण के लिए समिति गठित.  
- इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज की समिति गठित. 
- एचआरडी को लेकर ग्रुप ऑफ  सेक्रेट्रीज की समिति गठित. 
- गांवों के विकास को लेकर ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज की समिति गठित.  
- सामाजिक क्षेत्र को लेकर बनी ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रीज की समिति.  
- उद्योग व उद्यमिता को लेकर ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रीज की समिति गठित 

इन समितियों के जरिए ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज का 2 या दो से ज्यादा विभागों की समस्याओं का हल अपनी तरह से बातचीत और तालमेल के आधार पर करना है जारी जिससे किसी भी विभाग को निर्णय एकतरफा और थोपा हुआ न लगे.

 2. सीएस की अध्यक्षता में गठित समितियों का झमेला:- 
- सीएस हैं करीब 135 कमेटियों में पदेन अध्यक्ष हैं
- इनमें से हैं कई कमेटियां समान प्रकृति,समान व्यवहार और मकसद वाली
- ऐसे में सीएस ने बेमानी सी दिखने वाली कमेटियों का जिम्मा सौंपा अधिकारियों को.
- एक सी दिखनेवाली कमेटियों को एक प्रमुख कमेटी के तले लाने की हुई कोशिश
- इसके चलते अनावश्यक काम का फैलाव रुका.
- सीएस और अन्य अधिकारी कर रहे खास काम पर फोकस

3. आम आदमी को जन्म से लेकर मृत्यु तक के सारे लाभ की ट्रैकिंग:- 
- राज्य सरकार की ओर से आम आदमी के जन्म से लेकर मृत्यु तक मिलते हैं लाभ
- उसकी श्रेणी और पात्रता या योग्यता के आधार पर अलग-अलग योजनाओं में मिलते हैं लाभ. लेकिन उसे इस लाभ के लिए लगाने पड़ते हैं कई चक्कर
- इसके बाद भी या तो उन्हें लाभ नहीं मिलता या समय पर नहीं मिलता.
- अब इसे लेकर विधायक ओमप्रकाश हुडला के दिए प्रजेंटेशन के आधार पर सीएस ने संभाला मॉनिटरिंग का जिम्मा. 
- इसके लिए ट्रेकिंग करके आम आदमी को सीधा लाभ पहुंचाने को लेकर होगा काम. 
- जैसे 1 कलेक्टर अपने जिले में संस्थागत प्रसव के जरिए जन्मे बच्चे को जन्म के साथ मिलने वाले लाभ करवा सकता सुनिश्चित .
- इसके लिए उसकी उम्र के हिसाब से कब कब उसके टीके लगने हैं...इसका मैसेज उसे पहले मिल जाएगा और टीका लगवाने की तमाम औपचारिकताओं को पहले पूरा कर लिया जाएगा. 
- इसके बाद यदि संतान बच्ची है तो उसे शिक्षा छात्रवृत्ति के लाभ के लिए पहले से मैसेज देकर वह सुनिश्चित किया जाएगा
- साथ ही वह आरक्षित वर्ग में है तो उससे जुड़े तमाम लाभ समयबद्ध तरीके से उसकी पात्रता अनुसार कैसे दिए जाएं इसे सुनिश्चित करने को लेकर हो रहा काम. 

4. कलेक्टर्स की  फ्लैगशिप योजनाओं के आधार पर रैंकिंग:-  
- जिलों में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर खासा हो रहा काम.
- कई जिले तो 90 से 100% तक सफलता कर रहे हासिल, लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि उनके काम को नहीं मिलती समुचित पहचान. 
- ऐसे में फ्लैगशिप योजनाओं के आधार पर पहली बार जिलों की रैंकिंग की गई जारी 
- जिससे कलेक्टर्स में बढ़ी प्रतिस्पर्धा की भावना और वह संबंधित योजनाओं में अपने प्रदर्शन में कर रहे सुधार .

5. कलेक्टर्स के नवाचारों की रिपोर्ट लेना:- 
- सीएस उषा शर्मा ने कामकाज संभालते ही सबसे ज्यादा नवाचारों पर किया फोकस.
- हर कलेक्टर को अपनी योजना या प्रोग्राम या काम के हिसाब से एक नवाचार चुनकर उसे करने का दिया लक्ष्य.
- इसके आधार पर कलेक्टर्स की नवाचारों की बन रही रिपोर्ट और स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा हुई विकसित. 

6. कई समितियों या विभागों के काम को फंक्शनल करना:- 
- उषा शर्मा ने सीएस बनते ही कई मृतप्राय: या नॉनफंक्शनल कमेटियों का कामकाज खुद देखा 
- इसके साथ ही उनकी बैठक में करवा कर उन्हें करवाया फंक्शनल. 
- खास तौर पर पोषाहार या अन्य कमेटियों की नहीं ली जा रही थी सुध.
- वहीं कुछ विभाग भी ज्यादा जिम्मेदारियां न होने से कर रहे थे  खानापूर्ति.
- सीएस ने इनकी लगातार बैठक करके इन्हें जिम्मेदारियां और लक्ष्य देते हुए इन्हें करवाया फंक्शनल.

7. सीएस कॉन्फ्रेंस में फहराया राजस्थान का परचम:- 
- अर्बन गवर्नेंस
- सीएस उषा शर्मा ने भूमि के बदले भूमि देने की राजस्थान की योजना को बताया 
- जिसके जरिए समझाया गया कि इससे किस तरह भूमि अवाप्ति मुआवजे और पुनर्वास की समस्या हल हो सकती है.
- इज ऑफ डूइंग बिजनेस
- कार्य पालना का बोझ कम करने को लेकर सीएस उषा शर्मा ने व्यक्त किए विचार.

इसमें नई निवेश प्रोत्साहन स्कीम एकल खिड़की योजना टूरिज्म को उद्योग का दर्जा दिया जाने और आईटी बेस्ट क्लीयरेंस करने को लेकर बढ़े राजस्थान के कदमों को बताया गया. स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा के एक्सेस बढ़ाने क्वालिटी और भविष्य की संभावनाओं को लेकर पीसीएस उषा शर्मा ने अपना प्रेजेंटेशन देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रति राजस्थान का विजन रखा सामने. सीएस उषा शर्मा की ओर से दिए गए आधा दर्जन से ज्यादा प्रजेंटेशन की हुई खासी तारीफ.  चुनावी साल में गहलोत सरकार की योजनाओं उसकी भी घोषणाओं का लाभ बेहतर सर्विस डिलीवरी के साथ आम आदमी तक पहुंचते  दिखना लाजिमी है. गहलोत सरकार के इसी मैंडेट को अपने अथक प्रयासों से उषा शर्मा साकार करने में जुट गई हैं.