जयपुर: प्रदेश के पर्यटन और व्यवसाय को पंख लगने जा रहे हैं. अत्याधुनिक तकनीक, उच्च गुणवत्ता की सामग्री और तेज व स्मार्ट ट्रेफिकिंग की मिसाल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम फुल स्विंग पर है. आज केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी दौसा और सवाईमाधेपुर में इस प्रोजेक्ट की प्रगति का जायजा लेंगे. एक लाख करोड़ के इस प्रोजेक्ट का 372 किमी. लंबा हिस्सा प्रदेश के सात जिलों से होकर गुजरेगा.
प्रोजेक्ट नाम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे
अनुमानित लागत एक लाख करोड़
कुल लंबाई 1250 किमी.
अनुमानित यात्रा समय 12 घंटे
कम से कम चौढ़ाई 100 मीटर
गति 120 किमी. प्रति घंटा
कार्य पूर्ण होने की तिथि जनवरी 2023
प्रोजेक्ट में राजस्थान के 7 जिले शामिल:-
अलवर तीन तहसील 53 गांव 68.5 किमी. लंबाई
भरतपुर एक तहसील 4 गांव 3.125 किमी. लंबाई
दौसा पांच तहसील 80 गांव 87.70 किमी. लंबाई
सवाईमाधोपुर तीन तहसील 32 गांव 59.36 किमी. लंबाई
टोंक एक तहसील 9 गांव 7.01 किमी. लंबाई
बूंदी एक तहसील 20 गांव 40.21 किमी. लंबाई
कोटा चार तहसील 66 गांव 104.18 किमी. लंबाई
दौसा क्षेत्र में बनेंगे कई स्ट्रक्चर:-
ROB 2
RUB 1
माइनर ब्रिज 5
SVUP 41
फ्लाईओवर 4
VUP 9
LVUP 17
इंटरचेंज 2
कलवर्ट्स 141
- 8 लेन एक्सिस कंट्रोल हाई स्पीड होगा एक्सप्रेस वे
- दिल्ली से मुंबई तक वाया राजस्थान
- राजस्थान से गुजर रहा 372 किलोमीटर एक्सप्रेस वे
- अलवर, भरतपुर, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर, बूंदी और कोटा से गुजरेगा एक्सप्रेस वे
- कुल 13 में से 9 पैकेज पर चला रहा फुल स्विंग में कार्य
- सौ मीटर चौढ़ी स्ट्रैच का किया गया है अधिग्रहण
- दिल्ली से जयपुर की दूरी रह जाएगी ढाई घंटे की
- अभी 8 लेन बनाए जा रहे हैं. इनके अलावा 4 लेन और बढ़ाए जा सकेंगे
- 2 जाने के और 2 आने के ये 4 लेन सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए होंगी
- यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिस पर डेडिकेटेड इलेक्ट्रिक व्हीकल फोरलेन होंगी
- एक्सप्रेस-वे के किनारे नई औद्योगिक टाउनशिप और स्मार्ट सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है
- रूट पर 92 स्थानों पर इंटरवल स्पॉट डेवलप किए जाएंगे
- दिल्ली-मुंबई के बीच 150 किमी दूरी घट जाएगी. सिर्फ 13 घंटे में सफर तय हो सकेगा.
- एक्सप्रेस-वे से हर साल 32 करोड़ लीटर ईंधन बचेगा
- सुरक्षा के लिए सड़क के दोनों ओर 1.5 मीटर ऊंची दीवार बनेगी
- टोल प्लाजा हाईवे के बजाए स्लिप लेन में बनेंगे, ताकि जिस शहर में जाएंगे, उतना ही टोल लगे
- हर 2.5 किमी के बाद पशुओं के लिए ओवर पास बनाए जाएंगे
- हर 500 मी. पर एक अंडर पास होगा' हर 50 किमी पर दोनों ओर फेसिलिटी सेंटर होंगे
- रेस्तरां, फूड कोर्ट, सुविधा स्टोर, ईंधन' स्टेशन, ईवी चार्जिंग पॉइंट और शौचालय होंगे
- सालाना 85 करोड़ किलो कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा
- रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 53 किमी लम्बा विशेष कॉरिडोर बनेगा
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी कल सुबह 11 बजे दौसा पहुंचेंगे. वे धनावड़ के पास प्रोजेक्ट का निरीक्षण करेंगे. इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि, मॉर्थ और एनएचएआई के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. गड़करी प्रेस, मीडिया से भी मुखातिब भी होंगे. इसके बाद उनका सवाईमाधोपुर जाने का भी कार्यक्रम है. दिल्ली-मुंबई एक्सिस कंट्रोल एक्सप्रेस वे से देश की राजधानी दिल्ली और देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई क बीच की दूरी आधी रह जाएगी. यानी अभी दिल्ली से मुंबई के बीच जो 25 घंटे का समय लगता था वो अब महज 12 घंटे रह जाएगा.
जयपुर और दिल्ली क बीच की दूरी महज ढाई घंटे की रह जाएगी:
इसी तरह से जयपुर और दिल्ली क बीच की दूरी महज ढाई घंटे की रह जाएगी. इस एक्सप्रेस वे के दोनों और टाउनशिप विकसित होंगी, फैसेलिटी सेंटर, होटल, मेंटिनेंस डिपो और इंटर एक्सचेंज स्थापित किए जाएंगे. सवाई माधोपुर और बूंदी के बाघ विचरण यानी वाइल्डलाइफ कॉरिडोर को प्रभावित होने से बचाने के लि 53 किमी. से ज्यादा लंबी 9 फीट ऊंची दीवार भी बनेगी. इसके अलावा एक लाख करोड़ के इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट ट्रेफिकिंग की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है. तेज गति, सुरक्षित सफर और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस प्रोजेक्ट पर जनवरी 2023 से निर्बाध रूप से ट्रेफिक शुरु होने की संभावना है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ये प्रोजेक्ट देश में मिसाल होगा और विकास की नई इबारत लिखेगा.