जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुलाए जाने की चर्चा है. जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक-दो दिन में विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुलाया जा सकता है. इस प्लान को तब अमल में लाए जाने की संभावना है जब सचिन पायलट और उनके बागी विधायकों को राजस्थान हाई कोर्ट से राहत मिल जाएगी. कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका पर आज सुनवाई चल रही है. विधायकों ने किसी भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से इनकार करते हुए स्पीकर के नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
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सीएम गहलोत ने शनिवार रात की थी राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात:
विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुलाए जाने की चर्चा को इस बात से भी बल मिलता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात अचानक राजभवन में पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. करीब 45 मिनट तक हुई मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. ऐसे में चर्चा है कि बुधवार से विधानसभा का एक संक्षिप्त सत्र बुलाया जा सकता है. सियासी संकट के बीच सरकार खुद फ्लोर टेस्ट के जरिए अपना बहुमत सिद्ध करना चाह रही है, लेकिन यदि बहुमत का परीक्षण होता है और विधानसभा का सत्र शुरू होता है तो यहां सचिन पायलट खेमे को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
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व्हिप का उल्लंघन करने पर अयोग्य घोषित किया जाएगा:
यदि पायलट खेमा व्हिप का उल्लंघन करता है या फिर अनुपस्थित रहता है तो इसे व्हिप के विपरीत कार्य माना जाएगा और दसवीं अनुसूची की धारा 2(1)(बी) के तहत अयोग्य घोषित किया जाएगा. हालांकि, इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है.