Rajasthan Politics: महज 3 साल में चल गए राजस्थान की सियासत के तीनों भंवर..! राजनीति में हासिल किया था एक मुकाम; ऐसे बने सियासत के सूरमा

Rajasthan Politics: महज 3 साल में चल गए राजस्थान की सियासत के तीनों भंवर..! राजनीति में हासिल किया था एक मुकाम; ऐसे बने सियासत के सूरमा

जयपुर: राजस्थान की राजनीति के तीनों भंवर अब नहीं रहे..! तीनों ने ही प्रदेश की सियासत में एक मुकाम हासिल किया था. लेकिन महज करीब 3 साल में ही तीनों भंवर इस दुनिया को अलविदा कह गए. सबसे पहले हम बात करते हैं बीजेपी के भंवर लाल शर्मा की. वो मंत्री तो रहे ही साथ ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे थे.

भंवरलाल शर्मा का भाजपा में एक बड़ा नाम रहा था. बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा का 29 मई 2020 को 95 वर्ष की आयु में निधन हुआ. भंवरलाल शर्मा राजस्थान से छह बार विधायक और तीन बार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन में शर्मा से फोन पर बात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी. उस समय शर्मा ने पीएम से कहा 'परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं'.

भंवर लाल शर्मा करीब 18 साल पहले राजनीति से अलविदा कह चुके थे. इसके बाद भंवरलाल शर्मा ने कभी पलटकर नहीं देखा. उनकी पुत्री मंजू शर्मा को भाजपा ने वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में हवामहल विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था लेकिन कार्यकर्ताओं नेताओं और परिवार वालों के लाख कहने के बावजूद शर्मा ने राजनीति से दूरी बनाए रखी. वह अपनी पुत्री के प्रचार तक में शामिल नहीं हुए थे

सरकार में मंत्री रहते हुए 16 नवंबर 2020 को भंवरलाल मेघवाल का निधन:
उसके बाद निधन हुआ राजस्थान सरकार में मंत्री रहे भंवरलाल मेघवाल का. भंवरलाल मेघवाल का सरकार में मंत्री रहते हुए 16 नवंबर 2020 को निधन हो गया था. सुजानगढ़ से विधायक रहे मेघवाल गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं आपदा राहत प्रबंधन विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे. मास्टर भंवरलाल मेघवाल देहाती परिवेश से आते थे. अध्यापक से प्रदेश के मंत्री बनने तक का उनका राजनीतिक सफर काफी मायनों में रोचक रहा. 

72 साल के मेघवाल ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. वह कई बीमारियों से जूझ रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से ही भंवरलाल कांग्रेस से जुड़े थे. धीरे-धीरे उन्होंने पार्टी और दलितों के बीच अच्छी पैठ बना ली थी. उन्हें कद्दावर दलित नेता के रूप में जाना जाता था. शेखावाटी और बीकानेर संभाग के दलित वोट बैंक में उनकी खासी पकड़ थी. 

आखिर में तीसरे भंवर लाल शर्मा का कल हुआ निधन:
उसके बाद आखिर में तीसरे भंवर लाल शर्मा का कल निधन हो गया. SMS अस्पताल के मेडिकल ICU में सुबह 7:35 बजे ली अंतिम सांस ली. विधायक भंवरलाल शर्मा को शनिवार सुबह SMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था. निमोनिया, किडनी में इन्फेक्शन समेत मल्टीपल दिक्कतों के चलते भर्ती कराया गया था.  भंवरलाल शर्मा का भी राजस्थान की सियासत में बड़ा नाम रहा है. उन्होंने सरपंच से लेकर विधायक और मंत्री तक का सफर तय किया और ब्राह्रम समाज में भी दिग्गज नेता के तौर पर पहचान बनाई थी. 

कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा पाटलट कैंप के माने जाते थे. हालांकि, बाद में सीएम गहलोत की तारीफ कर सुर्खियों में आए थे. भंवर लाल शर्मा पर भैरोसिंह शेखावत और गहलोत सरकार को गिराने के आरोप लगे थे. गहलोत सरकार गिराने और बचाने में भंवर लाल शर्मा का अहम रोल माना गया था. चूरू जिले के सरदार शहर से कांग्रेस के विधायक भंवर लाल शर्मा का 77 साल की उम्र में रविवार सुबह निधन हुआ.

कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने मई 2014 को राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान को लेकर राष्ट्रीय मीडिया के लिए चर्चित चेहरा बन गए थे. कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने राहुल गांधी और उनके सलाहकारों को जोकर कहा था. इसके बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी पर सवाल उठाने वाले भंवर लाल शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था. हालांकि, बाद में भंवर लाल शर्मा की कांग्रेस में वापसी हो गई थी. सीएम गहलोत ने भंवर लाल शर्मा के बेटे को राजनीतिक नियुक्ति भी दी है.

...फर्स्ट इंडिया न्यूज के लिए ऐश्वर्य प्रधान के साथ सुनिल शर्मा की रिपोर्ट