जयपुर: राजस्थान सरकार ने अलवर में मानसिक रूप से एक कमजोर किशोरी के बदहाल एवं घायल अवस्था में मिलने के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का रविवार को निर्णय किया. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जल्द केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी. यह निर्णय रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया.
बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि 14 वर्षीय किशोरी मंगलवार रात अलवर जिले में मालाखेड़ा थाना क्षेत्र में एक पुल पर बदहाल अवस्था में मिली थी. उसका जयपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुख्यमंत्री गहलोत इस मामले में ‘‘राजनीतिक रोटियां सेंकने’’ को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को शनिवार को आड़े हाथ लिया था. गहलोत ने ट्वीट किया कि राज्य की पुलिस मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर रही है.
मुख्यमंत्री निवास पर वीसी के माध्यम से हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्य सरकार ने अलवर विमंदित बालिका के प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जल्द केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 16, 2022
यदि फिर भी परिजन किसी विशिष्ट अधिकारी या सीआईडी, क्राइम ब्रांच, एसओजी अथवा सीबीआई से इस मामले की जांच करवाना चाहेंगे, तो राज्य सरकार इसके लिए भी तैयार है. सरकार की नीयत साफ है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच हो एवं इस घटना की वास्तविकता सामने आए. भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पीड़िता के परिवार से मिलने उसके गांव गया था. भाजपा ने इस घटना के विरोध में 17 एवं 18 जनवरी को राज्य के सभी मंडलों पर व्यापक प्रदर्शन करने की घोषणा की है. सोर्स- भाषा