VIDEO: बच्चों में पेट से जुड़ी गंभीर बीमारियों पर महामंथन! जयपुर में जुटे विख्यात पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट 

जयपुर: बच्चों में पेट से जुड़ी गंभीर बीमारियों पर महामंथन के लिए देश विदेश के ख्यातिमान चिकित्सक राजधानी में जुटे हैं.यह मौका है इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी एंड न्यूट्रिशन के 9वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी चैप्टर के 32वां वार्षिक सम्मेलन का, जिसकी शुरुआत प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने की.

तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत करते हुए आयोजन अध्यक्ष और जेके लोन अस्पताल, अधीक्षक, डॉ आर के गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन की शुरुआत 5 प्री कांफ्रेंस वर्कशॉप के साथ हुई. न्यू बॉर्न और चाइल्ड में तेजी से बढ़ रहीं पेट और लीवर से संबंधित बीमारियों में वृद्धि के कारण को बड़ी सुझ बूझ से रखा गया है.कार्यशाला में इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी एंड न्यूट्रिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नीलम मोहन, भारतीय बाल रोग अकादमी (आईएपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार आर और आईएपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संतोष टी सोन्स ने भी शिरकत की.

आयोजन अध्यक्ष डॉ आर के गुप्ता, सचिव डॉ ललित भारड़िया ने बताया कि मेडिकल फेस्ट के पहले दिन 5 प्री कांफ्रेंस कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें से 3 कार्यशालाएं बाल चिकित्सा एंडोस्कोपी के बारे में थीं, जिसमें विशेषज्ञों ने बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रबंधन में सुधार के लिए बाल चिकित्सा एंडोस्कोपी के बारे में पढ़ाया. बेसिक एंडोस्कोपी कार्यशाला के संयोजक डॉ नटवर परवल ने अपनी टीम के साथ एंडोस्कोपी की मूल बातें बताईं और सूर्या अस्पताल में उपस्थित लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया. 

इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. गौरव अग्रवाल और डॉ. रवि भारद्वाज ने विभिन्न गैस्ट्रो और लीवर विकारों में पोषण, जीर्ण जिगर की बीमारी, सीलिएक रोग, विल्सन रोग और गैलेक्टोसिमिया आदि पर विस्तार से चर्चा की गई. दिल्ली से इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी एंड न्यूट्रिशन, अध्यक्ष डॉ नीलम मोहन ने एंडोस्कोपी कार्यशालाओं का उद्घाटन किया और भारत में और अधिक बाल रोग गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की आवश्यकता पर जोर दिया. इन कार्यशालाओं में 150 से अधिक प्रतिनिधियों और 50 संकायों ने भाग लिया.