पड़ोसी के खिलाफ सलमान खान की मानहानि याचिका पर नए सिरे से होगी सुनवाई

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को कहा कि अभिनेता सलमान खान द्वारा उनके पड़ोसी के खिलाफ मानहानि के एक मामले में दायर अपील पर फैसला सुनाना समयाभाव के कारण संभव नहीं होगा. अब सलमान की याचिका पर एक अन्य न्यायाधीश नये सिरे से सुनवाई करेंगे.

मामले में दलीलें सुनने वाले और अपना आदेश सुरक्षित रखने वाले न्यायमूर्ति सी वी भदंग शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. अभिनेता की अपील को अब दिवाली की छुट्टियों के बाद एक अन्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा और नये सिरे से सुनवाई होगी. न्यायमूर्ति भदंग ने एक निचली अदालत के मार्च 2022 के आदेश के खिलाफ सलमान की अपील पर सुनवाई अगस्त में शुरू की थी.

वीडियो हटाने का निर्देश देने से भी मना कर दिया था:
निचली अदालत ने पनवेल में सलमान के फॉर्महाउस के पास एक जमीन के मालिक केतन कक्कड़ को अभिनेता के खिलाफ अपमानजनक वीडियो पोस्ट डालने से रोकने से इनकार कर दिया था. उसने कक्कड़ को अपने पहले के यूट्यूब वीडियो हटाने का निर्देश देने से भी मना कर दिया था.

न्यायमूर्ति भदंग ने दलीलें पूरी होने के बाद 11 अक्टूबर को आदेश को सुरक्षित रखा था.उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि 0दुर्भाग्य से मैं फैसला पूरा नहीं कर पा रहा. मैंने कल शाम तक हरसंभव प्रयास किया. लेकिन दुर्भाग्य से छुट्टियां थीं, प्रशासनिक काम था और मेरे पास दूसरे काम थे.

कक्कड़ के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया:
उन्होंने कहा कि मैं संबंधित पक्षों की आशंका को समझता हूं और इसमें पर्याप्त समय और प्रयास लगा है. मैं इस मामले को किसी भी तरह से निपटना पसंद करता. दुर्भाग्य से यह मेरे करियर के अंतिम समय में आया. बॉलीवुड स्टार ने, मुंबई के पास पनवेल में अपने फार्महाउस पर उनकी गतिविधियों के बारे में सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो को लेकर निचली अदालत में कक्कड़ के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.

जमीन छोड़ने का दबाव बनाने के लिए दायर किया:
जब दीवानी अदालत ने कक्कड़ के खिलाफ कोई अंतरिम निरोधक आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, तो खान ने हाई कोर्ट का रुख किया.उनकी याचिका में कहा गया है कि कक्कड़ द्वारा अपलोड किए गए पोस्ट न केवल मानहानिकारक हैं, बल्कि सांप्रदायिक और भड़काऊ प्रकृति के हैं. कक्कड़ की वकील आभा सिंह और आदित्य सिंह ने दावा किया कि अभिनेता ने मानहानि का मुकदमा अपने मुवक्किल पर अपनी जमीन छोड़ने का दबाव बनाने के लिए दायर किया था. सोर्स-भाषा