मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 337 अंक से अधिक टूटकर बंद हुआ. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में वृद्धि तथा वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बाजार नीचे आया.तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 337.06 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,119.72 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 624 अंक तक नीचे चला गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 88.55 अंक यानी 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,629.80 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, मारुति और आईटीसी शामिल हैं.एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे.यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी बाजार में बुधवार को गिरावट रही.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व उम्मीद के विपरीत अधिक आक्रामक हुआ है और उसने नीतिगत दर साल के अंत तक बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत करने का संकेत दिया है. यह संकेत है कि मौद्रिक नीति को लेकर अगली दो बैठकों में ब्याज दर में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. इसके साथ अमेरिकी-डॉलर सूचकांक 111 से ऊपर चला गया. डॉलर के मुकाबले रुपया 80 से ऊपर पहुंच गया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार सीमित गिरावट के साथ अपनी मजबूती को बनाये रखने में कामयाब रहा. लेकिन अगर रुपये में गिरावट जारी रही, बाजार विदेशी निवेशकों के लिये अल्पकाल में कम आकर्षक होगा. उसका असर बाजार पर पड़ेगा. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत बढ़कर 90.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने दो दिन की लिवाली के बाद बुधवार को शुद्ध रूप से 461.04 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. (भाषा)