सेंसेक्स 390 अंक टूटा, बैंक, वित्तीय शेयर नुकसान में

मुंबई: बिकवाली दबाव के कारण बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 390 अंक नुकसान में रहा. महंगाई और वृद्धि को लेकर चिंता के बीच बैंक, वित्तीय और पूंजीगत सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का सिलसिला चलने से बाजार नीचे आया. कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट और कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा.तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 390.58 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,235.33 अंक पर बंद हुआ.

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 109.25 अंक यानी 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,014.35 अंक पर बंद हुआ.सेंसेक्स शेयरों में विप्रो सबसे अधिक 7.03 प्रतिशत नुकसान में रहा. इसके अलावा एसबीआई, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. भी नुकसान में रहे.दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचसीएल टेक, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं. इनमें 3.19 प्रतिशत तक की तेजी रही.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये चिंता का विषय है. इसके अलावा, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का भी असर पड़ा है क्योंकि यह माना जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बावजूद मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अमेरिका में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने हैं और जो अनुमान है, उसमें इसके ऊंचा रहने की आशंका है. इससे वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है.

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा. हालांकि, यूरोप के प्रमुख देशों के शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31 प्रतिशत बढ़कर 92.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं. उन्होंने बुधवार को 542.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. घरेलू अर्थव्यवस्था को बुधवार को दोहरा झटका लगा. खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गयी. वहीं औद्योगिक उत्पादन में 18 महीने में पहली बार गिरावट आई. (भाषा)