निशानेबाजी 2026 राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल, लेकिन कुश्ती और तीरंदाजी चूके

मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) की सूची में निशानेबाजी की वापसी होगी, जबकि कुश्ती का हटाया जाना भारत के लिए निराशाजनक होगा.

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) और राष्ट्रमंडल खेल ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को विक्टोरिया 2026 सीडब्ल्यूजी के लिए पूर्ण खेल कार्यक्रम की घोषणा की, जिसमें 20 खेल और 26 स्पर्धाएं शामिल हैं. इसमें से नौ पूरी तरह से पैरा खेलों के लिए हैं.

इन खेलों में निशानेबाजी की वापसी भारत के लिए स्वागत योग्य कदम है, तो वहीं कुश्ती का हटना निराशाजनक है. निशानेबाजी को बर्मिंघम में हुए पिछले खेलों की सूची से हटा दिया गया था. निशानेबाजी राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक 135 पदक (63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य) के साथ भारत का सबसे मजबूत खेल रहा है. कुश्ती इस सूची में 114 (49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य) पदक के साथ तीसरे स्थान पर है.

खेल 2010 के बाद से लगातार चार खेलों में शामिल रहा:
भारत ने 2018 गोल्ड कोस्ट सत्र में निशानेबाजी में 16 पदक (सात  स्वर्ण, चार रजत और पांच कांस्य) जीते थे, जो देश के कुल 66 पदकों का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा था. सीडब्ल्यूजी 2026 में पैरा-निशानेबाजी के जुड़ने से भारत की पदक तालिका में भी इजाफा होगा. लेकिन कुश्ती की अनुपस्थिति से टीम को नुकसान होगा. भारत ने बर्मिंघम खेलों में कुश्ती में सबसे अधिक 12 (छह स्वर्ण, एक रजत,  पांच कांस्य) पदक हासिल किये थे. यह खेल 2010 के बाद से लगातार चार खेलों में शामिल रहा.

सर्वकालिक पदक तालिका में तीरंदाजी में दूसरे स्थान पर:
दूसरी ओर, तीरंदाजी केवल दो बार राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है. यह 1982 और 2010 में इन खेलों का हिस्सा बना और भारत इन खेलों की सर्वकालिक पदक तालिका में तीरंदाजी में दूसरे स्थान पर है.

इन खेलों की सूची से निशानेबाजी का हटना हालांकि अप्रत्याशित रहा. कुश्ती ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा लोकप्रिय खेल नहीं है और मेजबान देश आमतौर पर ऐसे खेलों को चुनता है जहां घरेलू एथलीटों से अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद रहती है. निशानेबाजी ऑस्ट्रेलिया में लोकप्रिय खेल है. ऑस्ट्रेलिया ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के बाद सबसे अधिक नौ पदक (3 स्वर्ण, 5 रजत, 1 कांस्य) जीता था.

इन तीनों को हटाने के फैसले को ‘चौंकाने वाला’ बताया गया था:
विक्टोरिया राष्ट्रमंडल खेलों में हालांकि निशानेबाजी की ‘बोर’ स्पर्धाएं नहीं होंगी. इसमें पिस्टल, राइफल और शॉटगन से जुड़ी स्पर्धाएं होंगी. इस फैसले से हालांकि भारतीय निशानेबाजों की पदक संभावनाओं पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि वे पारंपरिक रूप से ‘बोर’ स्पर्धाओं में मजबूत नहीं हैं. ऑस्ट्रेलिया निशानेबाजी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि निशानेबाजी स्पर्धाओं में एयर पिस्टल, एयर राइफल, पैरा निशानेबाजी और शॉटगन ट्रैप शामिल होंगे. हालांकि ‘बोर’ शामिल नहीं है. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इस साल अप्रैल में सीजीएफ को 2026 सीडब्ल्यूजी में निशानेबाजी, कुश्ती और तीरंदाजी को शामिल करने के लिए लिखा था. उन्होंने इस खेलों की प्रारंभिक सूची से इन तीनों को हटाने के फैसले को ‘चौंकाने वाला’ बताया गया था.

बीएमएक्स पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बनेंगे:
गोल्फ, 3x3 बास्केटबॉल, 3x3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल, कोस्टल रोइंग, निशानेबाजी , पैरा निशानेबाजी , बीएमएक्स रेसिंग, माउंटेन बाइक क्रॉस कंट्री, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा साइकिलिंग ट्रैक को सूची में जोड़ा गया है. कोस्टल रोइंग, गोल्फ और बीएमएक्स पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बनेंगे.सीजीएफ से जारी मीडिया विज्ञप्ति के मुताबिक विक्टोरिया 2026 भी गोल्फ, कोस्टल रोइंग और रोड रेस में पैरा स्पर्धाओं को जोड़ने का प्रस्ताव रख रहा है. इस खेलों के जुड़ाव को लेकर वह  राष्ट्रमंडल खेल महासंघ और प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय खेल संघों के साथ काम करेगा.

उद्घाटन समारोह प्रतिष्ठित मेलबर्न क्रिकेट मैदान में होगा:
सीजीएफ के अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने कहा कि खेल प्रतिस्पर्धी और रोमांच से भरपूर होने के लिए तैयार हैं, जिसमें  पूरी तरह से एकीकृत पैरा खेल कार्यक्रम शामिल है. कोस्टल रोइंग, गोल्फ और बीएमएक्स का पदार्पण और निशानेबाजी तथा 3x3 बास्केटबॉल की वापसी इसे रोमांचक बनायेंगे. आगामी राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 17 से 29 मार्च (2026)  तक ऑस्ट्रेलिया के  विक्टोरिया राज्य में मेलबर्न, जिलॉन्ग, बेंडिगो, बल्लारेट और गिप्सलैंड सहित कई शहरों और क्षेत्रीय केंद्रों में किया जाएगा. इसका उद्घाटन समारोह प्रतिष्ठित मेलबर्न क्रिकेट मैदान में होगा. सोर्स-भाषा