वैश्विक स्तर पर मौजूदा उथल-पुथल से बाहर निकलकर निरंतर वृद्धि के पथ पर बढ़ेगा भारत: सीतारमण

वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भरोसा जताया कि भारत वैश्विक स्तर पर मौजूदा उथल-पुथल से बाहर निकल आएगा और तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण तथा सरकार के कदमों के बूते निरंतर पुनरुद्धार के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के तहत भुगतान, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और नियामकीय अनुपालन के मामले में भारत ने एक वैश्विक मानक स्थापित किया है और यह अर्थव्यवस्था के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है.

जॉन हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में भारत की अनोखी डिजिटल सार्वजनिक वस्तुएं विषय पर एक सत्र के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि मेरा मानना है कि अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार निरंतर हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मांग, निर्यात पर वैश्विक उथल-पुथल के असर तथा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति को भी ध्यान में रखा है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में आज यह भरोसा है कि हम इससे पार पा लेंगे और प्रदर्शन कर सकेंगे. ऐसा सार्वजनिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के तरीकों की वजह से हो सका है.

उन्होंने कहा कि कर्ज उपलब्धता अब कोई मुद्दा नहीं रहा है क्योंकि छोटे व्यवसायियों को भी घर बैठे-बैठे ऋण मिल रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की सार्वजनिक वस्तुएं उन देशों के लिए उपलब्ध हैं जिन्हें इनकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, कोविन की वजह से विदेश जाने वाले भारतीयों को अपने टीकारकण के बारे में कोई दस्तावेज नहीं दिखाना पड़ा. उन्होंने फोन पर यह दिखा दिया. अब कोविन ऐप हर उस देश के लिए उपलब्ध है जो भी इसका इस्तेमाल करना चाहता है.

उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच डिजिटलीकरण पर दिए गए जोर ने कोविड-19 और उसके बाद आर्थिक संकट से जूझने में मदद दी और इसकी वजह से ही लॉकडॉउन के दौरान मदद और राहत तुरंत दी जा सकी. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि लक्षित रुख इसलिए अपनाया जा सका क्योंकि हम प्रौद्योगिकी के रूप बेहतर स्थिति में है. (भाषा)