जयपुर: राज्य सरकार पिंकसिटी जयपुर में पर्यटन को एक और सौगात देने जा रहा है, जयपुर शहर देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां लेपड, लॉयन, हाथी सफारी के बाद टाइगर सफारी भी पर्यटकों को देखने को मिलेगी, अब जयपुर आने वाले पर्यटकों को रणथम्भौर-सरिस्का टाइगर सफारी जाने की जरूरत नहीं होगी जयपुर में ही टाइगर सफारी कर सकेंगे,
इस टाइगर सफारी में नर टाइगर नाहर और मादा टाइगर रानी को खुले जंगल में दीदार करने को मिलेंगे, इस टाइगर सफारी में पर्यटक 8 किलोमीटर लंबे ट्रेक पर गाडियों द्वारा भ्रमण कर सकेंगे, इसके लिए उन्हें प्रति व्यक्ति 250 रुपए तक चार्ज देना होगा, लंबे समय से केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण से स्वीकृति के बाद फंड के अभाव में अटकी टाइगर सफारी के विकास को पंख लग गए, जयपुर विकास प्राधिकरण ने लॉयन सफारी की तर्ज पर टाइगर सफारी भी विकसित करने का जिम्मा उठाया है, वन विभाग के अफसर भी तैयारी में जुट गए है, अधिकारियों की माने तो 30 वर्ग हैक्टेयर में बनने वाली यह सफारी 4.5 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होगी, इसमें 8 की शेप में ट्रैक, एक भव्य द्वार, एक वॉच टावर बनाए जाएंगे, साथ ही बाघों के लिए दस शेल्टर भी बनाए जाएंगे ताकि रात के समय उन्हें उसमें रखा जा सकें, यहां एक लूप लाइन होगी,,,, जिसके ट्र्रैक की लंबाई 8 किलोमीटर की होगी, सफारी के लिए यहां भी लॉयन सफारी की माफिक चार कैंटर चलाए जाएंगे, जिसमें सैलानियों से प्रति व्यक्ति 250 रुपए तक शुल्क लिए जाने की संभावना जताई जा रही है, सफारी के इस जंगल में बाघ बाघिन के साथ अन्य वन्यजीव भी छोड़े जाएंगे, उनके लिए वाटर पॉइंट भी बनाए जाएंगे, इसे लॉयन सफारी की तरह विकसित किया जाएगा, इसको लेकर काम जल्द ही शुरू होने की बात कहीं जा रही है,
2022 के अंत तक शुरू हो सकेगी सफारी
4.5 करोड़ रुपए होंगे खर्च
1 जोड़ा सबसे पहले छोड़ा जाएगा यहां पर
8 की शेप में बनेगा ट्रैक का एक लूप
4 गाडिय़ों में बैठकर बाघों का दीदार कर सकेंगे सैलानी
250 रुपए तक प्रति व्यक्ति लेंगे शुल्क
नाहरगढ बायोलॉजिकल पार्क में 5 बाघ-बाघिन प्रवास कर रहे है, इनमें 2 बाघिन रम्भा और महक उम्रदराज हो चुकी है, इस स्थिति में महाराष्ट्र के एक जैविक उद्यान में दो गोल्डन बाघिन को लाने की प्रयास किए जा रहे है, उनके आते ही यहां जोडिय़ां बन जाएगी. हालांकि एक नर बाघ की भी जरूरत है, उसके लिए भी प्रयास किए जा रहे है, वन विभाग की एक्सचेंज प्रणाली के माध्यम से ही लाया जाएगा, दूसरी ओर बाघ नाहर और बाघिन रानी को इन दिनों साथ रखा जा रहा है, वन अधिकारियों का कहना है कि टाइगर सफारी इस वर्ष के अंत तक शुरू होने की संभावना जताई जा रही है,