Supreme Court: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बने देश के 50वें CJI, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप से बुधवार को पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई. उन्होंने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की जगह ली है, जिनका कार्यकाल आठ नवंबर को पूरा हुआ. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की जज के रूप में  पहली नियुक्ति साल 2000 में बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई थी. उससे पहले 1998 से 2000 तक वह भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसीटर जनरल रहे. वहीं जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. उससे पहले वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. उन्होंने 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री हासिल की थी. उन्होंने प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की.

पिता भी रहे भारत के मुख्य न्यायाधीश:
11 नवंबर 1959 को जन्मे जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ जस्टिस थे. वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक करीब सात साल रहा. यह किसी सीजेआई का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है. यह सुप्रीम कोर्ट के भी इतिहास का पहला उदाहरण है कि पिता के बाद बेटा भी सीजेआई बनेगा.