Earthquake: उत्तराखंड में भूकंप के झटके से दशहतज़दा लोग घरों से बाहर भागे

पिथौरागढ़/देहरादून: उत्तराखंड में बुधवार तड़के आए 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद दहशतज़दा लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, उधमसिंह नगर, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, उत्तरकाशी और देहरादून जिलों सहित पूरे प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए.

भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ के सीमावर्ती जिले से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित था. भूकंप के झटके के कारण खिड़कियों में लगे शीशों की आवाज से लोगों की नींद टूट गई और हड़बड़ाहट में घरों से भागकर बाहर आ गये. लोग बाद के झटकों की आशंका के मद्देनजर घंटों बाहर ही इंतजार करते रहे. पिथौरागढ़ के काशनी गांव की रहने वाली प्रभा ने कहा, 'खिड़की के शीशे की आवाज और पंखे को हिलते हुए देखकर मैं उठी और बाहर भागी. पिथौरागढ़ के मुनस्यारी अनुमंडल के प्रमोद द्विवेदी नामक दुकानदार ने बताया, 'सुबह 6.29 बजे दूसरा झटका भी महसूस किया गया. घरों के बाहर भीड़ में खड़े लोग अपने मोबाइल फोन पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को संदेश भेजते देखे गए. पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बी. एस. महार ने कहा कि जिले के किसी भी हिस्से से जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. नेपाल के बैतारी जिले के सैलेख के एक ग्रामीण ने मोहित भंडारी ने कहा, 'रात में हमारी नींद खुल गई और हम (भागकर) सुरक्षित स्थान पर पहुंचे. हालांकि, हमारे गांव में कोई नुकसान नहीं हुआ है. 

हम जिले के अंदरूनी हिस्सों के लोगों के संपर्क में हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि उन्हें कोई नुकसान तो नहीं हुआ. बैतारी स्थित निगमासैनी नगर पालिक के एक सदस्य संतोष राज जोशी ने कहा, 'पांच सेकंड से अधिक समय तक आए झटके के तुरंत बाद ग्रामीण अपने घरों से बाहर निकल गए. झटके खत्म होने के बाद भी वे अपने घर लौटने से डरते थे. भूकंप के झटके उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के हरिद्वार और चमोली जिलों में भी महसूस किये गये. हरिद्वार के एक निवासी ने कहा कि झटके करीब 20 सेकंड तक महसूस किये गये. चमोली के ग्वालदम में भूकंप के झटके तेज थे. एक निवासी के अनुसार, झटके करीब आधा मिनट तक महसूस किये गये. गोपेश्वर निवासी नीरज नेगी ने कहा कि झटके महसूस होते ही लोग दहशत में अपने घरों से बाहर भाग गए. हालांकि, राज्य में कहीं से भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. उत्तराखंड की पहाड़ियों में अक्सर हल्के और कम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं. सोर्स- भाषा