जयपुर: कहते है किस्मत और मेहनत से ही सफलता के शिखर तक पहुंचा जा सकता है, ऐसी ही कहानी है एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाला सुरेश चौधरी की. जो अपनी खुली आंखों से अपने भविष्य के सपने देख रहा था, सपने भी ऐसे जिनकी कल्पना मात्र भी संभव नहीं थी, यह बात साल 2009 से शुरू होती है. चलिए जानते है उनके सफर की कहानी. आपको बता दें कि सोते-सोते सोचना कि 1 दिन स्टार बनूंगा सपने की वजह से कई बार वह सो भी नहीं पाता था और अगले दिन वही जल्दी उठना और अपनी मम्मी की आवाज - बेटा काम पर नहीं जाना क्या, पापा ने 12th मैं स्कूल जाने के लिए एक साइकिल दिलवाई थी वह काफी पुरानी हो चुकी थी उसी साइकिल पर अपने औजारों का बैग लिए चल पड़ता.
किसी के घर पर कोई कार ठीक करना या किसी के घर पर कोई स्विच बदलना या कभी कभी कोई बड़ा ठेका उसके हाथ लग जाता. रोज का यही काम और शाम होते होते लगभग ₹100 कमा लेता कुछ पैसे जोड़ें एक छोटा सा कैमरा लिया. अकेले में एक्टिंग करता वीडियो बनाता उसे देखता है और डिलीट कर देता अपनी वॉइस रिकॉर्ड करता उसको सुनता और उसे हटा देता ताकि किसी को पता नहीं चले कि वह अभिनय करने की कोशिश कर रहा है.
साधारण परिवार और एक ऐसे समाज से जहां पर अभिनय और की कोई इजाजत नहीं थी फिर 1 दिन ऐसा वक्त आया और सोचा कि एक बड़े सिंगर के साथ काम करूंगा जिससे शायद घरवाले मान जाए, लेकिन जब कहीं से उस व्यक्ति का नंबर मिला और उन्हें फोन किया तो पहले ही बात में कि यह आपकी बस की बात नहीं है बहुत मुश्किल होता है, सुरेश चौधरी ने उनको बोला कितना पैसा खर्च होगा मैं दूंगा पर मुझे अपने साथ ले लो परंतु सिंगर ने एक नहीं सुनी और सुरेश चौधरी का फोन काट दिया.
उन शब्दों से चौधरी को काफी आघात लगा उन्होंने सोचा क्यों नहीं मैं अपना दूसरा रुचि जो की फोटोग्राफी थी उसमें अपना हाथ आजमा लूं और एक्टर बनने की आस छोड़ फोटोग्राफी में अपना मन लगाने लगे, कुछ ही वक्त में आस-पास के गांव में सबसे अच्छे फोटोग्राफर बन गए उनकी डिमांड इतनी बढ़ गई कि लोगों को अपने बच्चों की जिद पर आर्डर सुरेश चौधरी को देने पड़ते. कुछ ऐसे अच्छे पैसे कमाए तो कुछ उधार लेकर अपने गांव में ड्रोन और सबसे महंगा कैमरा खरीदा शादी में फ्री के वक्त जब फोटोग्राफर आराम करते उस वक्त सुरेश चौधरी आसपास के पर्यावरण पक्षी मकान टेंट आदि की फोटोग्राफी करते वह फोटो जब एल्बम के बैकग्राउंड में लगते तो लोग सुरेश चौधरी की तारीफ करते नहीं थकते, पर सुरेश चौधरी को अभी उस सिंगर की बातें याद थी कुछ वक्त बाद सुरेश चौधरी को फोटोग्राफी के कोर्स के लिए जरूरत आई और आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने अपने पास ही एक फाउंडेशन जोकि फोटोग्राफी की कोर्स को करवाता था.
वहां पर एडमिशन लिया उनके अध्यापक सुरेश चौधरी से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपने यही एक जॉब ऑफर कर दी सुरेश चौधरी अब वहां के मास्टर ट्रेनर बन चुके थे और बच्चों के साथ उनकी अच्छी बॉन्डिंग देख अधिकारी भी खुश हुआ करते थे लगभग 2 वर्ष काम करने के पश्चात सुरेश चौधरी ने अपनी जॉब छोड़ दी. अपने अभिनेता बनने के सपने को लेकर उनको जानने वाले किसी पत्रकार ने उनकी कहानी अखबार में छाप दी. जिसकी वजह से सुरेश चौधरी को घर से फटकार पड़ी और यहां तक की लोगों ने ताने मारे कि सुरेश चौधरी को नौकरी से निकाल दिया गया है नहीं कि उसने छोड़ी है, सुरेश चौधरी अब अकेले हो चुके थे.
अपने छोटे से 6 * 8 किराए के कमरे में बैठे-बैठे जोकि जोधपुर में उन्होंने लिया था, उस कमरे में बैठे बैठे हमेशा सोचते रहते रिश्ते में एक सिंगर तुलछाराम भनगावा से उन्होंने बात की उन्होंने उनको समझा और एक एडिटर से मिलवाया चौधरी उनके साथ काम करते रहे एक छोटे से रोल के लिए दिन भर प्रतीक्षा करना और काफी आर्थिक प्रभाव भी उन पर पड़ा की जरूरत थी उन्हें राजकोट के एक व्यवसाय ने उन पर भरोसा किया और उस गाने का काम चौधरी को सौंप दिया. उनकी मेहनत रंग लाई 2017 का एकमात्र सॉन्ग था जो 100 मिलियन पार करने वाला अपने वक्त का पहला सॉन्ग बना डीजे पर खूब बजा, 2018 में एक और सॉन्ग पनिहारी 123 मिलियन, और बाद में जैसे बहार आ गई, सुरेश चौधरी के कई फैंस बन गए और उसी सिंगर ने सुरेश चौधरी के पिताजी के साथ में एक सेल्फी ली और उन्हें बोला कि हमें आपके बेटे पर गर्व है यह उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर डाली जिसे देखकर सुरेश चौधरी काफी प्रभावित हुए और सोचा की उस सिंगर ने अपना पश्चाताप कर लिया.
आज सुरेश चौधरी ने हजारों सॉन्ग राजस्थानी भाषा और संस्कृति के साथ राजस्थानी को आगे बढ़ाने के लिए किए, तो यह कहानी है राजस्थान के छोटे से गांव आसोप के साधारण से परिवार की जब बारिश आती थी तो उनकी दादी त्रिपाल से रसोई की कच्ची छत दिखा करती थी और उसके नीचे उनकी मां खाना बनाया करती थी सुरेश चौधरी को आज भी वह सब कुछ याद है बातें करते करते उनकी आंखों में पानी आ जाता है और मैं अपनी पैन और डायरी लेकर घर की तरफ प्रस्थान कर देता हूं, लेकिन वह यादें मेरे दिल में सब कुछ बयान कर गई और भी बहुत कुछ है, लेकिन फिर कभी बताऊंगा.