नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत के 107वें स्थान पर रहने को लेकर रविवार को सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि आरएसएस-भाजपा कब तक असलियत से जनता को गुमराह कर, भारत को ‘कमज़ोर’ करने का काम करेगी.
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत की स्थिति और खराब हुई है तथा वह 121 देशों में 107वें नंबर पर है, जबकि बच्चों में ‘चाइल्ड वेस्टिंग रेट’ (ऊंचाई के हिसाब से कम वजन) 19.3 प्रतिशत है, जो दुनिया के किसी भी देश से सबसे अधिक है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि भूख और कुपोषण में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर! अब प्रधानमंत्री और उनके मंत्री कहेंगे, भारत में भुखमरी नहीं बढ़ रही है बल्कि दूसरे देशों में लोगों को भूख ही नहीं लग रही है. उन्होंने कहा कि आरएसएस-भाजपा कब तक असलियत से जनता को गुमराह कर, भारत को कमजोर करने का काम करेगी?’’ केंद्र सरकार ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत को 107वें स्थान पर रखना देश की छवि को ‘‘एक राष्ट्र जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है’’ के रूप में खराब किए जाने के निरंतर प्रयास का हिस्सा है.
भूख और कुपोषण में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 16, 2022
अब प्रधानमंत्री और उनके मंत्री कहेंगे, 'भारत में भुखमरी नहीं बढ़ रही है बल्कि दूसरे देशों में लोगों को भूख ही नहीं लग रही है।'
RSS-BJP कब तक असलियत से जनता को गुमराह कर, भारत को कमज़ोर करने का काम करेगी?
वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) के जरिए वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर भूख पर नजर रखी जाती है और उसकी गणना की जाती है. 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख का स्तर ‘‘गंभीर’’ है. गौरतलब है कि 109वें स्थान पर मौजूद अफगानिस्तान एशिया महाद्वीप में एकमात्र देश है, जो भारत से पीछे है. पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में हैं. भारत 2021 में 116 देशों में 101वें नंबर पर था, जबकि 2020 में वह 94वें पायदान पर था. सोर्स- भाषा