तपोवनः उत्तराखंड की आपदा प्रभावित तपोवन सुरंग से आज दो शव और बरामद किए गए है. पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है. शवों को रखने के लिए तपोवन में एक अस्थाई मुर्दाघर बनाया गया है. जिसमें तैनात एक अधिकारी ने भाषा को बताया है कि सुरंग से एक शव आधी रात के कुछ देर बाद जबकि दूसरा रात दो बजे बरामद हुआ था. मलबे और गाद से भरी तपोवन सुरंग से अब तक 11 शव निकाले जा चुके हैं.
जलविद्युत परियोजना पर चल रहा था काम
सात फरवरी को चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ के समय एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस सुरंग में लोग कार्य कर रहे थे. निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा, रैणी में स्थित उत्पादनरत 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो गई थी. आपदाग्रस्त क्षेत्र से अब तक कुल 58 शव बरामद किए गए हैं जबकि 146 लोग अब भी लापता हैं.
रेस्क्यू अभी भी जारी है
एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान जारी है. तपोवन बैराज क्षेत्र में जहां पोकलैंड और जेसीबी मशीनें युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं वहीं नदी किनारे जिला प्रशासन के नेतृत्व में खोजबीन का काम तेजी से चल रहा है. रैंणी क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम मलबे में लापता लोगों की तलाश कर रही है. (सोर्स-भाषा)