नई दिल्ली: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद वरुण गांधी ने इस संकट से निपटने में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच ‘‘समन्वय की कमी’’ पर बृहस्पतिवार को सवाल उठाया..
उन्होंने ट्वीट किया कि न तो सरकार और न ही लोग इस राक्षसी समस्या के बारे में गंभीर हैं. अस्पताल सांस लेने, दिल और फेफड़ों की समस्याओं वाले मरीजों से भरे हुए हैं. वरूण ने सवाल किया कि दिल्ली-एनसीआर में 10 में से आठ बच्चों को सांस की समस्या है. वर्षों की चर्चा के बाद, कई सरकारी संस्थाओं के बीच चिंता / समन्वय की निरंतर कमी क्यों है? गांधी ने हैरानी जतायी कि क्या समस्या को हल करने की लागत चार करोड़ 60 लाख लोगों के लिए जीवन भर बीमारी के इलाज में आने वाले खर्च से अधिक है?
8 out of 10 children in Delhi-NCR have respiratory problems.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 3, 2022
After years of discussions, why is there a continuing lack of concern/coordination between multiple government entities?
Is the cost of solving the problem higher than lifetime respiratory care for 46 million people?
हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के बीच भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) ने हर साल पैदा होने वाले इस संकट के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. आप दिल्ली और पंजाब में सत्ता में हैं. पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं. सोर्स- भाषा