29 अक्टूबर 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

जयपुर: पंचांग का हिंदू धर्म में शुभ व अशुभ देखने के लिए विशेष महत्व होता है. पंचाग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है. यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि, नक्षत्र, व्रतोत्सव, राहुकाल, दिशाशूल और आज शुभ चौघड़िये आदि की जानकारी देते हैं. 

शुभ मास- कार्तिक मास शुक्ल पक्ष  
शुभ तिथि चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रातः 8 बजकर 12 मिनट तक तत्पश्चात पंचमी तिथि रहेगी . चतुर्थी तिथि मे अग्नि, विषादिक असद कार्य, शत्रु मर्दन, इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित है. चतुर्थी तिथि में जन्मे जातक धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.

शुभ नक्षत्र ज्येष्ठा नक्षत्र प्रातः 9 बजकर 5 मिनट तक तत्पश्चात मूल नक्षत्र रहेगा. ज्येष्ठा नक्षत्र में अग्नि, शिल्प, चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. ज्येष्ठा नक्षत्र गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र है अतः ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातको कि 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन मूल शांति करवा लेनी चाहिए. ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक स्वतन्त्र विचारों वाला, कठोर मेहनत करने वाला, क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है.

शुभ नक्षत्र विशाखा नक्षत्र दोपहर 12 बज कर 10 मिनट तक तत्पश्चात अनुराधा नक्षत्र रहेगा. विशाखा नक्षत्र में शिल्प, चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. विशाखा नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है.

चन्द्रमा- सम्पूर्ण दिन धनु राशि में संचार करेगा

व्रतोत्सव- लाभ पंचमी, ज्ञान पंचमी, पांडव पंचमी, सौभाग्य पंचमी, पंचमी तिथि क्षय  

राहुकाल- प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक

दिशाशूल- शनिवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से अदरक या उरद दाल खा कर निकले.      

आज के शुभ चौघड़िये- प्रातः 8.02 मिनट से प्रातः 9.25 मिनट तक शुभ, दोपहर 12.10  मिनट से सायं 4.19 तक चर, लाभ, और अमृत का चौघड़िया.