नई दिल्लीः चंद्रयान-3 आज चांद के और करीब पहुंच जायेगा. गुजरते दिनों के साथ चंद्रयान-3 और चांद के बीच का फासला घटता जा रहा है. 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर के अलग हो गया है. जिसके बाद अब बाकी बची दूरी लैंडर को अकेले ही तय करनी है. डीबूस्टिंग के जरिये आज लैंडर की रफ्तार धीमी करके इसे चंद्रमा की सबसे नीचली कक्षा में लाया जायेगा इसके बाद ये चंद्रयान-3 23अगस्त को शाम 5:47 पर साफ्ट लैंडिगं करेगा.
प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर के अलग होने के बाद अब इसरो इसकी डीबूस्टिंग पर काम करेगा. जो इसे चंद्रमा की नीचली कक्षा में ले जाने का काम करेगा. डीबूस्टिंग करके इसरो का उद्देशय कम समय अधिक दूरी तय करना है जिससे पिछले बार वाली गलती नहीं दोहराये.
डीबूस्टिंग रफ्तार को किया जायेगा धीमाः
ऐसे में 18 अगस्त को डीबूस्टिंग की प्रकिया शाम 4 करायी जायेगी जिसके चलते इसकी नीचली कक्षा में आने की उम्मीद है. इसके बाद एक फिर 20 अगस्त को विक्रम लैंडर की डीबूस्टिंग का प्रोसेस किया जायेगा. जो चद्रंयान-3 को साफ्ट लैंडिग में अहम मदद करेगा. इसरो के मुताबिक प्रोपल्शन मॉड्यूल कक्षा में चक्कर के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां देगा.
बता दें कि चंद्रयान-3 से पहले भेजा गया चंद्रयान-2 साल 2019 में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में असफल रहा था. जिसके बाद अब चंद्रयान-3 को कई बदलावो के साथ भेजा गया है. जो 23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग करेगा. करीब 600 करोड़ रुपये की लागत वाले चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को चांद के दक्षिणी ध्रुव तक की यात्रा पर रवाना किया गया था