T20 WorldCup: आस्ट्रेलिया की धीमी पिचों पर रफ्तार के सौदागरों पर T20 विश्व कप में रहेंगी नजरें

नई दिल्ली: आस्ट्रेलिया की धीमी पिचों पर टी20 विश्व कप के मुख्य दौर में तेज गेंदबाजों की तूती बोलेगी और वे अपने टीम के लिये ‘एक्स फैक्टर’ साबित हो सकते हैं. हम ऐसे पांच तेज गेंदबाजों पर नजर डालते हैं जो अपने दम पर मैच जिता सकते हैं.

भारत को जसप्रीत बुमराह के बाहर होने के कारण इसकी कमी खलेगी . अभ्यास मैचों में मोहम्मद शमी के शानदार प्रदर्शन के बावजूद गेंदबाजी ईकाई में वह आत्मविश्वास नजर नहीं आ रहा .

शाहीन शाह अफरीदी (पाकिस्तान)
विश्व क्रिकेट में रफ्तार के बाजीगर शाहीन शाह अफरीदी घुटने की चोट से उबरकर टीम में लौटे हैं. उन्होंने जिस अंदाज में अफगानिस्तान के सलामी बल्लेबाज रहमानुल्लाह गुरबाज को पगबाधा आउट किया, उससे दूसरी टीमों के लिये खतरे की घंटी बज गई है.

भारत के खिलाफ पिछले टी20 मुकाबले में शाहीन ने पहले ही स्पैल में मैच का फैसला कर दिया था. उनके पास रफ्तार के साथ स्विंग भी है . भारत के पास शीर्षक्रम में तीन विश्व स्तरीय दाहिने हाथ के बल्लेबाज हैं लेकिन पलड़ा शाहीन का भारी दिख रहा है.

जोश हेजलवुड (आस्ट्रेलिया)
पैट कमिंस और मिशेल स्टार्क जैसे सितारों के बीच जोश हेजलवुड आस्ट्रेलियाई टीम के छिपे रूस्तम हैं .उनकी गेंदबाजी में गजब का अनुशासन है . रफ्तार के मामले में भले ही वह उन्नीस हों लेकिन बल्लेबाजों को परेशान करने का हुनर उन्हें बखूबी आता है. तक इस प्रारूप में 37 मैचों में वह 7 . 62 की इकॉनामी रेट से 53 विकेट ले चुके हैं.

लॉकी फर्ग्युसन (न्यूजीलैंड)
लॉकी टी20 प्रारूप के सबसे शानदार गेंदबाजों में से है. उनके पास आक्रामकता, रफ्तार और विविधता सब कुछ है. उनके पास अतिरिक्त रफ्तार भी है जिसका सामना करना बल्लेबाजों के लिये काफी मुश्किल होता है.
शॉर्ट गेंदों में उनके पास इतनी विविधता है कि धुरंधर भी चकमा खा जाये . अब तक 21 टी20 मैचों में उन्होंने सिर्फ 6.84 की इकॉनामी रेट से रन दिये हैं. वह भारत की सपाट पिचों पर आईपीएल चैम्पियन गुजरात टाइटंस के लिये शानदार गेंदबाजी करने में कामयाब रहे हैं.

मार्क वुड (इंग्लैंड)
मार्क वुड ने पिछले महीने कराची में नेशनल स्टेडियम की सपाट पिच पर 156 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली थी . उनकी रफ्तार बड़े बड़े सूरमा बल्लेबाजों को भयाक्रांत करने के लिये काफी है .उन्होंने हर 14 गेंद पर विकेट लिया है जो उनकी सबसे बड़ी खासियत है. सोर्स-भाषा