जयपुर: चुनाव आयोग ने राजस्थान सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. अगर राजस्थान की बात करें तो यहां 23 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और इसी दिन देवउठनी एकादशी भी है. देवउठनी एकादशी से विवाह आदि शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. ऐसे में 23 नवंबर को अबूझ सावों का योग है. ऐसे में शादियों का मुहूर्त होने की वजह से प्रदेश के लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. इसके साथ ही बड़े स्तर पर मतदान प्रभावित होने की संभावना भी है.
गौरतबल है कि देवउठनी एकादशी पर अबूझ सावा होता है. ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा शादियां होती है. इस बार विवाह और फेरों का मुहूर्त भी दिन का ही है. ऐसे में शादियों का उत्सव होगा या फिर लोकतंत्र का उत्सव ये बड़ा सवाल रहेगा. चुनाव आयोग पोलिंग पार्टियों और सुरक्षा बलों के लिए वाहन अधिग्रहित करता है और शादियों में बारात ले जाने के लिए वाहनों की जरूरत होती है. ऐसे में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौतियां होगी.
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. सबसे पहले मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान होगा. इसके बाद मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा. छत्तीसगढ़ में 2 चरणों 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं, 23 नवंबर को राजस्थान और 30 नवंबर को तेलंगाना में वोट डाले जाएंगे. सभी 5 राज्यों में नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.
बात अगर राजस्थान विधानसभा की करें तो यहां 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद काफी कुछ बदल गया है. राजस्थान में कुल वोटर्स की संख्या 5.25 करोड़ है, जिसमें से पुरुष वोटर्स 2.73 करोड़ और महिलाएं 2.51 करोड़ हैं. पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या 21.9 लाख है, जबकि 80 साल से ज्यादा उम्र के 11.8 लाख मतदाता हैं.
किस राज्य में कब खत्म हो रहा है विधानसभा का कार्यकाल?
गौरतलब है कि मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है. पूर्वोत्तर राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता में है. तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है. तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का शासन है, जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं.