जयपुर: कलेक्टरों सहित चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारियों के 6 जनवरी से 8 फरवरी तक तबादलों और पोस्टिंग पर रोक लग गई है. भजनलाल सरकार को विशेष हालत में यदि तबादले करने भी पड़े तो इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग के पास प्रस्ताव भेज कर अनुमति लेनी होगी. 6 जनवरी से 8 फरवरी तक मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के चलते यह रोक लगी है.
6 जनवरी से लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू हो रहा है.
इसके चलते जिला निर्वाचन अधिकारियों यानि कलेक्टर्स, रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग राज्य सरकार बिना भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के नहीं कर सकती.
जरूरत होने पर अगर सरकार को ऐसा करना पड़े तो इसके लिए आयोग को प्रस्ताव भेजना होगा जहां से अनुमति के बाद सरकार आदेश जारी कर सकती है.
भारत निर्वाचन आयोग के आदेश अनुसार 6 जनवरी से 8 फरवरी तक मतदाता सूचियां के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम से जुड़े जिला निर्वाचन अधिकारी- DEO यानि कलेक्टर, ERO जैसे अधिकारियों के रिक्त पद होने पर तुरंत सरकार को भरने होंगे.
साथ ही जहां जरूरत है वहां पर पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी लगाए जा सकते हैं.
चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग की सरकार को जरूरत होने पर तो तबादले पोस्टिंग की औचित्यता के पूरे संदर्भ के साथ भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव बनाकर भेजना होगा.
साथ ही BLO सहित AERO और उसे निचले स्तर के अधिकारियों के तबादलों का निर्णय मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर होगा.
पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी आयोग के नियंत्रण के अधीन रहेंगे और उनके ट्रांसफर/पोस्टिंग के पावर आयोग के पास ही रहेंगे.
निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों का पद खाली रहने पर न सिर्फ उसे भरा जाएगा बल्कि उनकी जगह वैकल्पिक अधिकारी की पोस्टिंग करने से पहले भी सरकार को CEO से विचार विमर्श करना होगा.