जयपुर: कांग्रेस सरकार की पुरानी इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना करने का ऐलान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पहले ही कर दिया था. अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेश पर पुरानी योजना को गरीब व जरूरतमंद के लिए और अधिक लाभकारी बनाया गया है.
प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना में शहरों में 980 रसोईयों का और ग्रामीण इलाकों में 1000 रसोइयों का संचालन किया जा रहा है. प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने योजना की समीक्षा की. इस समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में योजना का नाम बदलने का ऐलान किया. इस योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेश के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने गरीब और जरूरतमंद के लिए इस योजना को और अधिक फायदेमंद बनाने के लिए व्यापक बदलाव किए हैं. आपको बताते हैं कि ये बदलाव क्या हैं.
-योजना के नाम बदलने के सीएम भजनलाल शर्मा के ऐलान के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं
-आदेश जारी कर औपचारिक तौर पर योजना का नामकरण अन्नपूर्णा रसोई योजना किया गया
-योजना में किए गए बदलावों को संबंधित पोर्टल पर अपडेट करने की हिदायत दी गई है
-अब इस योजना की रसोई में भोजन करने वाले व्यक्ति को पहले से अधिक भोजन मिलेगा
-थाली में परोसे जाने वाले भोजन का वजन अब 450 ग्राम से बढ़ाकर 600 ग्राम कर दिया गया है
-पहले थाली में ढाई सौ ग्राम चपाती,सौ ग्राम दाल और सौ ग्राम सब्जी व अचार मिलते थे
-अब थाली में तीन सौ ग्राम चपाती,सौ ग्राम दाल,सौ ग्राम सब्जी के साथ सौ ग्राम चावल/मोटा अनाज भी दिया जाएगा
-साथ ही पहले की तरह अचार भी दिया जाएगा
-भोजन का वजन बढ़ाने से प्रति थाली कीमत 25 रुपए से बढ़ कर 30 रुपए हो गई है
-लेकिन लाभार्थी से पहले की तरह ही प्रति थाली आठ रुपए ही लिए जाएंगे
-राज्य सरकार अब 17 रुपए के बजाए 22 रुपए प्रति थाली अनुदान देगी
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना को किस तरह से और अधिक हितकारी बनाया जाए. इस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेश पर स्वायत्त शासन विभाग ने काम शुरू कर दिया है.
-प्रदेश में चल रही इस योजना के संचालन के लिए जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति का गठन किया हुआ है
-इन समितियों के अध्यक्ष जिला कलक्टर हैं
-स्वायत्त शासन विभाग ने इन सभी जिला कलक्टर को पत्र लिखकर 15 दिन में प्रस्ताव मांगा है
-रसोईयों की संख्या की आवश्यकता और स्थानों का तर्क संगत परीक्षण करते हुए दुबारा निर्धारण किया जाएगा
-इस बारे में कलक्टरों से आगामी 15 दिन में स्पष्ट प्रस्ताव मांगे हैं