जयपुर: राजस्थान में भाजपा ने लगातार दूसरी बार क्लीन स्वीप किया है. इस चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ , जब 25 में से 21 सांसद 2 लाख या अधिक वोटों से जीते. वहीं तीन सीटों पर जीत का अंतर पांच लाख से अधिक रहा. इस बार 20 लोकसभा सीटों पर जीत का अंतर पिछली बार की तुलना में कहीं दोगुना तो कहीं तीन गुना रहा. केवल पांच सीटें ऐसी रही जिन पर जीत का अंतर पिछले चुनाव की तुलना में घटा है. जिन पांच सीटों पर जीत का अंतर पिछले चुनाव की तुलना में घटा है, उनमें रामचरण बोहरा(जयपुर), सुखबीरसिंह जौनपुरिया(टोंक), केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत(जोधपुर), मंत्री अर्जुन लाल मेघवाल(बीकानेर), देवजी पटेल(जालौर) शामिल हैं.
देश का हर कोना भगवा रंग में रंगा
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि पूरे देश में मोदी का मैजिक सिर चढ़कर बोल रहा है. देश का हर कोना भगवा रंग में रंगा दिखाई दे रहा है. बीजेपी की ये जीत कई मायनों में काफी अहम मानी जा रही है. इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशियों को रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल हुई है. राजस्थान में चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी, उससे लग रहा था कि राजस्थान में उनकी स्थिति मजबूत हो सकती है. लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी आई है उसने सभी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है. जीत का अंतर भी ऐसा कि विरोधी भी सहम गए.
तीन सीटों पर जीत का अंतर पांच लाख से अधिक रहा
राजस्थान की भीलवाड़ा लोकसभा सीट से सुभाष चंद्र बहेरिया ने कांग्रेस के रामपाल शर्मा को 6 लाख 12 हजार मतों से हरा दिया. इसी तरह राजसमंद लोकसभा सीट से बीजेपी की दिया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन को 551916 मतों से हरा दिया. चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी चंद्र प्रकाश जोशी ने कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल सिंह शेखावत को 576247 मतों से मात दे दी.
राजस्थान में कुल 66.12 प्रतिशत हुई थी वोटिंग
राजस्थान में दो चरणों में लोकसभा चुनाव कराए गए थे. 29 अप्रैल को हुए पहले चरण के चुनाव में रिकॉर्ड 68.22 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जबकि छह मई को 12 सीटों पर हुए चुनाव में 63.78 प्रतिशत मतदान हुआ है. दोनों चरणों के मतदान प्रतिशत पर नजर दौड़ाएं तो राजस्थान में 66.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 63.10 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.