VIDEO: जाट वर्ग के 2 युवाओं की मुहिम रंग लाई, जब PM मोदी ने सराहा इनके सामाजिक कार्यों को, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जाट वर्ग के दो युवाओं की मुहिम को आज सच्चा आशीर्वाद मिला जब उनकी पीठ थपथपाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने. अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानियां और संयोजक पीएस कलवानियां ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार मुलाकात की.इस दौरान मौजूद रहे गुजरात राज्यपाल आचार्य देवव्रत  और बेंगलुरु के प्रमुख उद्योगपति चौधरी रामसिंह कुलहरी मौजूद रहे.पीएम ने अगले जाट संसद में आने का निमंत्रण स्वीकार किया.करीब एक घण्टे तक बातचीत की.

केवल एक जाति ही नहीं, जाट एक विचारधारा भी है.. इसी थीम के अंतरराष्ट्रीय जाट संसद की शुरुआत हुई थी . आज इस संस्था का नेटवर्क बढ़कर 150 देशों में है.नागौर जिले के दो युवा रामवतार पलसानिया और पीएस कलवानिया ने संगठन खड़ा किया .अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ के प्रथम सत्र का ऐतिहासिक व भव्य आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 1 मार्च 2020 को हुआ इसमें दुनिया भर से 62 देशों के जाट समाज के प्रमुख लोग मौजूद रहे थे,दूसरा आयोजन साल 2022 के 12 जून को जयपुर के बिड़ला सभागार में हुआ था इसमें 130 देशों से प्रवासी आए थे. लेकिन पलसानिया और कलवानिया के लिए सही मायने में कार्य को साधुवाद तब मिला जब पीएम नरेंद्र मोदी ने इनकी पीठ थपथपाई.

बीते दिनों केंद्र सरकार के कृषि फैसलों के खिलाफ किसानों ने जोरदार आंदोलन किया था . इसके बाद केंद्र ने निर्णय वापिस भी लिए . आंदोलन से पंजाब ,हरियाणा और वेस्टर्न यूपी सर्वाधिक प्रभावित हुए थे . अब आगामी दिनों में एक बड़ी किसान रैली दिल्ली में हो सकती है इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे . जाट संसद के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में आने के संकेत दिए . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान की आन बान शान पगड़ी व विश्व के सिरमौर भारत भूमि के अजेय महायोद्धा महाराजा सूरजमल की तस्वीर भेंट की. ‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ के दोनों संयोजकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सामाजिक व राजनीतिक विषयों पर चर्चा की और ‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ द्वारा किए जा रहे कार्य - कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार सर्जन के बारे में बताया. जाट इतिहास पर ‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ की ओर से महाराजा सूरजमल के स्वर्णिम इतिहास पर ‘द ग्रेट महाराजा सूरजमल’ डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्माण व साथ ही अखंड भारत के महानायक दीनबंधु, रहबरे आजम, चौधरी सर छोटूराम के महानतम जीवन पर ‘सर छोटूराम - द लीजेंड ऑफ अनडिवाइडेड इंडिया’ डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी निर्माण किया गया है.पीएम मोदी ने संस्था के कार्यों को सराहा और भविष्य में जाट संसद के कार्यक्रम में आने की हामी भरी.

आजादी से पहले साल 1925 में पहली मर्तबा जाट अधिवेशन हुआ था और साक्षी बना था राजस्थान का पुष्कर.. तीर्थराज पर हुये इस अधिवेशन में सर छोटूराम चौधरी और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी बलदेव राम मिर्धा ने शिरकत थी.इसके बाद जाट आरक्षण के लिए जयपुर में लाखों समाज के लोग जुटे थे और शांतिपूर्ण आंदोलन से हक प्राप्त कर लिया क्रेडिट मिला तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को अब फिर समाज के नुमाइंदे के भव्य आयोजन की रूपरेखा बना रहे है जिसके साक्षी बन सकते है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.