VIDEO: गांवों में इंदिरा रसोईयां खोलने का मामला; स्वायत्त शासन विभाग की धरी रह गई तैयारियां, सरकार ने पंचायती राज विभाग को दी यह जिम्मेदारी

जयपुर: प्रदेश के गांवों में इंदिरा रसोईयां खोलने की स्वायत्त शासन विभाग की सारी तैयारियां धरी रह गई और अब राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक यह जिम्मेदारी अब पंचायती राज विभाग वहन करेगा. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस वर्ष के बजट भाषण शहरों की तर्ज पर ग्रामीण इलाकों में भी इंदिरा रसोई योजना लागू करने की घोषणा की थी. इस घोषणा के तहत ग्रामीण जनता को भी सस्ता व गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में 1000 रसोईयां स्थापित की जानी है. पूरा मामला बताने से पहले बताते हैं कि आखिर यह योजना क्या है.

- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर दो वर्ष पहले 20 अगस्त 2020 को इंदिरा रसोई योजना शुरू की गई थी. 

- इस योजना के तहत प्रदेश भर के शहरों में 980 रसोईयों का संचालन किया जा रहा है 

- इन रसोईयों में मात्र आठ रुपए में गरीब व जरूरतमंद लोगों को सम्मान पूर्वक भोजन कराया जाता है

- रसोई संचालक को प्रति थाली कुल 25 रुपए का भुगतान मिलता है

- इसमें से आठ रुपए लाभार्थी से और सत्रह रुपए सरकार की ओर से अनुदान के तौर पर दिए जाते हैं

- योजना में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हो

- इसके लिए योजना का अलग से एक वेबपोर्टल संचालित है

- प्रदेश भर में किस रसोई में किस लाभार्थी ने क्या खाना खाया?

- क्या साफ-सुथरे माहौल में खाना परोसा गया? 

- क्या भोजन मानकों के अनुरूप था?

- इन सबकी इस वेब पॉर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाती है

प्रदेश के गांवों में इंदिरा रसोईयां चलाने की जिम्मेदारी प्रदेश के वित्त विभाग ने स्वायत्त शासन विभाग को दी थी. स्वायत्त शासन विभाग ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी थी.विभाग का लक्ष्य था कि एक जून से सभी 1000 रसोईयों को शुरू कर दिया जाए. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विभाग के निर्देश पर जिला मुख्यालय के शहरी निकाय नगर निगम या नगर परिषद ने काफी तैयारी भी कर ली थी. आपको बताते हैं कि क्या-क्या तैयारियां कर ली गई.

- 5 हजार व इससे अधिक जनसंख्या वाले ग्रामीण कस्बों में रसोईयां खोलना तय किया गया

- योजना के लिए कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया हुआ है

- इस समिति के सदस्य सचिव जिला मुख्यालय की निकाय के प्रमुख अधिकारी हैं

- समिति की मंजूरी पर इन्हीं निकायों ने रसोईयों के संचालन के लिए चयन कर लिया

- जिला मुख्यालय की निकायों ने करीब 1000 संस्थाओं का चयन कर लिया

- रसोईयों में उपलब्ध कराने के लिए जरूरी सामान उपलब्ध कराने की निविदा जारी की गई

- सभी जिलों की रसोईयों के लिए यह निविदा जारी कर दी गई

- कई मामलों में निविदा फाइनल कर कार्यादेश भी जारी कर दिए गए

- यही नहीं इनमें से कई मामलों में चयनित फर्म को कार्यादेश जारी कर दिया 

- कई फर्मों ने सामान की आपूर्ति भी निकायों को कर दी 

जिला मुख्यालय की निकायों ने जिला समन्वय  समिति की स्वीकृति से ना केवल रसोईयां चलाने के लिए संस्थाओं का चयन तक कर लिया बल्कि कई रसोईयों के लिए तो सामान भी आपूर्ति भी ले ली. इसी बीच पंचायती राज विभाग हरकत में आया. आपको बताते हैं किस तरह गांवों में खुलने वाली इंदिरा रसोईयों की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग को सौंपी गई.

- पंचायतीराज विभाग ने गांवों में अपना क्षेत्राधिकार बताते हुए स्वायत्त शासन विभाग को पत्र भेजा

- पत्र में विभाग ने इंदिरा रसाईयों के संचालन का जिम्मा खुद काे सौंपने की बात कही

- स्वायत्त शासन विभाग ने मंजूरी के लिए फाइल मंत्री शांति धारीवाल को भेजी

- मंत्री शांति धारीवाल ने यह काम पंचायतीराज विभाग को देने पर अपनी सहमित जताई

- धारीवाल की इस सहमति के साथ फाइल वित्त विभाग पहुंच गई

- वित्त विभाग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स्वीकृति के बाद जिम्मेदारी दी गई

- पंचायतीराज विभाग को गांवों में इंदिरा रसोईयों के संचालन की जिम्मेदारी दी गई