नई दिल्लीः चंद्रयान-3 आज चांद के और करीब पहुंच जायेगा. डीबूस्टिंग के जरिये चंद्रयान-3 की रफ्तार को धीमा कर चांद के और करीब लाया जायेगा. जो लैंडर को सबसे निचली कक्षा में लेकर जायेगा. जिसके बाद चांद से इसकी दूरी महज 30 किमी रह जायेगी. लैंडर को ये दूरी तय करने में 4-5 दिन का समय लगेगा.
प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर के अलग होने के बाद अब इसरो इसकी डीबूस्टिंग पर काम करेगा. जो इसे चंद्रमा की नीचली कक्षा में ले जाने का काम करेगा. डीबूस्टिंग करके इसरो का उद्देशय कम समय अधिक दूरी तय करना है जिससे पिछले बार वाली गलती नहीं दोहराये
डीबूस्टिंग के बाद 30 किमी की दूरी रह जायेगी बाकीः
डीबूस्टिंग के बाद चंद्रयान से चांद की दूरी महज 30 किमी रह जायेगी. जो कि लैंडर की रफ्तार को धीमा करने का कार्य करेगा. बता दें डीबूस्टिंग के बाद लैंडर 23 अगस्त को शाम तक साफ्ट लैंड कर सकता है.
बता दें कि चंद्रयान-3 से पहले भेजा गया चंद्रयान-2 साल 2019 में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में असफल रहा था. जिसके बाद अब चंद्रयान-3 को कई बदलावो के साथ भेजा गया है. जो 23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग करेगा. करीब 600 करोड़ रुपये की लागत वाले चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को चांद के दक्षिणी ध्रुव तक की यात्रा पर रवाना किया गया था