मुख्यमंत्री गहलोत बोले, लोक कलाकारों को मिले वाद्य यंत्रों के लिए 5 हजार रुपए, खातों में कुल 1.50 करोड़ रुपए हुए हस्तांतरित

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान का प्रत्येक अंचल विशिष्ट कला एवं संस्कृति लिए हुए है. प्रदेश के लोक कलाकारों ने अपनी प्रतिभा के दम पर देश-विदेश में राज्य की एक अलग पहचान बनाई है. पूरे विश्व में प्रदेश के लोक कलाकारों को सराहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति समाज की अमूल्य धरोहर है. राज्य सरकार इनके संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्य कर रही है. सीएम गहलोत शुक्रवार को जवाहर कला केन्द्र में आयोजित लोक कला और सामाजिक सुरक्षा उत्सव में लोक कलाकारों, पथ विक्रेताओं तथा गिग वर्कर्स को संबोधित कर रहे थे.

इस अवसर पर गहलोत ने मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना-2023 का बटन दबाकर शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपनी कला के माध्यम से आजीविका चलाने वाले कलाकारों की कला को सम्मान एवं उन्हें आर्थिक संबल देने के लिए यह योजना लाई गई है. योजना में कलाकारों को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए 5000 रुपए देने का प्रावधान किया गया है. साथ ही, योजना के तहत लोक कलाकारों को प्रतिवर्ष 100 दिन विभिन्न राजकीय कार्यक्रमों में कला प्रदर्षन का अवसर प्रदान किया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 3000 लोक कलाकारों के खाते में 5-5 हजार रुपए कुल 1.5 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किए. साथ ही, लोक कलाकारों को वाद्य यंत्र एवं लोक कलाकार प्रोत्साहन कार्ड भी प्रदान किए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 100 करोड़ का लोक कलाकार कल्याण कोष बनाया गया है. इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पथ विक्रेताओं को 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है. गहलोत ने कहा कि गिग वर्कर्स को शोषण से बचाने राज्य सरकार ने राजस्थान प्लेटफार्म आधारित गिग कर्मकार (रजिस्ट्रीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 विधानसभा में पारित किया है. देश में यह कानून बनाने वाला राजस्थान एक मात्र राज्य है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक कलाकारों, पथ विक्रेताओं, गिग वर्कर्स सहित सभी वंचित वर्गाें की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है तथा अपनी योजनाओं से लगातार उनका निराकरण कर रही है.