संयुक्त राष्ट्र Ballistic Missile Test को लेकर North Korea पर नए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन और रूस ने लगाया Veto

Ballistic Missile Test को लेकर North Korea पर नए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन और रूस ने लगाया Veto

Ballistic Missile Test को लेकर North Korea पर नए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन और रूस ने लगाया Veto

संयुक्त राष्ट्र: चीन और रूस ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका द्वारा पेश उस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो किया, जिसमें North Korea पर उसके अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के लिए नए कठोर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था.

अमेरिका सहित कई अन्य देशों को आशंका है कि इन मिसाइलों का इस्तेमाल परमाणु हथियार ले जाने में किया जा सकता है. 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 13 मत प्रस्ताव के पक्ष में तो दो वोट इसके खिलाफ पड़े. North Korea के खिलाफ प्रतिबंध संबंधी किसी प्रस्ताव को लेकर UNSC के वीटो अधिकार वाले पांच स्थायी सदस्यों में इतने बड़े पैमाने पर मतभेद पहली बार दिखा.

दरअसल, सुरक्षा परिषद ने साल 2006 में North Korea के पहले परमाणु परीक्षण के बाद उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे. सुरक्षा परिषद ने बाद के वर्षों में इन प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया था. अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव पर मतदान से पहले UNSC के सदस्यों से एकजुटता की अपील की. उन्होंने इस साल North Korea द्वारा किए गए छह अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को ‘पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा’ करार दिया.

North Korea को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात और सीमित करने की प्रतिबद्धता जताई थी: 

ग्रीनफील्ड ने जोर देकर कहा कि दिसंबर 2017 में सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकार किए गए प्रतिबंध संबंधी पिछले प्रस्ताव में सदस्य देशों ने अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण जारी रखने पर North Korea को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात और सीमित करने की प्रतिबद्धता जताई थी.

North Korea ने अपना अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पांच वर्षों के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि, ग्रीनफील्ड ने पिछले पांच महीनों में प्योंगयांग द्वारा किए गए मिसाइल प्रक्षेपण को ‘खतरा और चेतावनी’ करार देते हुए सुरक्षा परिषद से उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया. वहीं, संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव पर मतदान से पहले North Korea के खिलाफ नए प्रतिबंधों को लेकर बीजिंग का विरोध दोहराया.

हमें नहीं लगता कि अतिरिक्त प्रतिबंध मौजूदा हालात से निपटने में मददगार होंगे:

उन्होंने अमेरिका से प्रतिबंधों का सहारा लेने के बजाय North Korea के साथ बातचीत दोबारा शुरू करने और कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति का राजनीतिक समाधान खोजने के लिए ‘सार्थक एवं व्यावहारिक कार्रवाई’ करने का आह्वान किया. कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव के मद्देनजर झांग ने कहा कि शांत रहना, उकसावे वाली कार्रवाई से बचना और North Korea पर नए प्रतिबंध लगाने के बजाय कुछ प्रतिबंधों में ढील देना अहम है. चीनी राजदूत ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा कि हमें नहीं लगता कि अतिरिक्त प्रतिबंध मौजूदा हालात से निपटने में मददगार होंगे. ये स्थिति को और भी खराब कर सकते हैं. इसलिए हम वास्तव में इनसे बचना चाहते हैं.

रणनीतिक या भूराजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए नहीं करते देखना चाहते: 

एशिया में चीन के एक प्रमुख आर्थिक एवं सैन्य शक्ति के अलावा वाशिंगटन के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी के रूप में उभरने को लेकर अमेरिकी चिंताओं की तरफ इशारा करते हुए झांग ने कहा कि हम किसी को North Korea या कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति का इस्तेमाल उनके रणनीतिक या भूराजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए नहीं करते देखना चाहते.

चीनी राजदूत ने कहा कि हम पूर्वोत्तर एशिया को युद्ध का मैदान बनाने या वहां टकराव या तनाव पैदा करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ हैं. इसलिए, North Korea के पड़ोसी और कोरियाई प्रायद्वीप के पड़ोसी के रूप में क्षेत्र में शांति, सुरक्षा बनाए रखना तथा वहां परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है. यही हमेशा हमारा लक्ष्य रहा है.

North Korea द्वारा स्थापित लजारस समूह की वैश्विक संपत्ति जब्त करने की भी व्यवस्था की गई थी: 

बृहस्पतिवार को पेश प्रस्ताव के पारित होने के सूरत में North Korea को कच्चे तेल का निर्यात 40 लाख बैरल प्रति वर्ष से घटाकर 30 लाख बैरल और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 5,00,000 बैरल प्रति वर्ष से घटाकर 3,75,000 बैरल करना संभव हो जाता. इसके अमल में आने से North Korea पर खनिज ईंधन, खनिज तेल और खनिज मोम का निर्यात करने पर प्रतिबंध लग जाता.

प्रस्ताव में North Korea को सभी तंबाकू उत्पादों की बिक्री या हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाने, समुद्री पाबंदियां बढ़ाने और घड़ियों व उनके कलपुर्जों के निर्यात पर रोक लगाने का भी प्रावधान किया गया था. इसमें North Korea द्वारा स्थापित लजारस समूह की वैश्विक संपत्ति जब्त करने की भी व्यवस्था की गई थी. सोर्स-भाषा 

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