CM गहलोत का आरोप- संजीवनी घोटाले में अन्य अभियुक्तों के समान ही प्रमाणित हुआ है गजेन्द्र शेखावत का अपराध

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए दावा किया कि संजीवनी घोटाले के अन्य गिरफ्तार आरोपियों की तरह ही पुलिस जांच में उनका भी अपराध साबित हुआ है.

उन्होंने दावा किया कि शेखावत संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड घोटाले के मामले में जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ (एसओजी) की जांच में शेखावत को भी उन्हीं धाराओं के तहत दोषी पाया गया है, जिनमें अन्य गिरफ्तार आरोपी दोषी पाए गए हैं.

आरोपियों की संपत्ति जब्त नहीं की है:
गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि वो (शेखावत) स्वयं इस बात को अच्छे से जानते हैं कि एक लाख से अधिक पीड़ितों की जिंदगीभर की जमापूंजी के करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को संजीवनी सोसाइटी ने लूटा है. इस मामले में संपत्ति जब्त करने के अधिकार एसओजी के पास ना होकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एसओजी ने गत दो वर्षों में ईडी को 5 बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है परन्तु देशभर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक कार्रवाई कर संजीवनी घोटाले के आरोपियों की संपत्ति जब्त नहीं की है.

संपत्ति जब्त होकर वहां से पैसे की वसूली होगी:
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप (शेखावत) स्वयं केन्द्रीय मंत्री हैं, यदि आप बेकसूर हैं तो गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे क्यों नहीं आते? सेंट्रल रजिस्ट्रार ने इस मामले में एक ‘लिक्विडेटर’ नियुक्त किया है परन्तु वो तब ही पीड़ितों का पैसा लौटा पाएगा जब संजीवनी सोसाइटी की संपत्ति जब्त होकर वहां से पैसे की वसूली होगी. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिसमें राजस्थान सरकार पूरा सहयोग करेगी. गहलोत ने कहा कि संजीवनी घोटाला पीड़ित संघ के लोग करीब छह महीने पहले जयपुर में मुख्यमंत्री निवास एवं दो दिन पहले जोधपुर सर्किट हाउस में उनसे मिले थे.

वीडियो रिकॉर्डिंग है जिसमें उनका दर्द फूट रहा है:
उन्होंने कहा कि उनकी बातें सुनकर मैं भी भावुक हो गया कि किस प्रकार उन्हें झांसे में लेकर उनकी मेहनत की जमा पूंजी लूटी गई. कई पीड़ितों के तो करोड़ों रुपये इस घोटाले में डूब गए. मेरे पास सभी पीड़ितों की बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है जिसमें उनका दर्द फूट रहा है. अगर नैतिक साहस है तो गजेन्द्र सिंह को उनकी बातें सुननी चाहिए और समझना चाहिए कि उन्होंने कितना बड़ा अपराध किया है. सोर्स-भाषा