जयपुरः प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के बाद भी परिवहन विभाग ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है,, कोटा से लेकर चित्तौड़गढ़ तक हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड बल्कर ट्रक निकल रहे हैं, लेकिन कहीं भी चालान नहीं बनाये जा रहे है
प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राजस्थान सड़क हादसों और हादसों में जान गवाने वालों की संख्या में देश के टॉप राज्यों में शामिल है. प्रदेश में बढ़ रहे सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण ओवरलोड परिवहन है इसके बाद भी ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है. कोटा से लेकर चित्तौड़गढ़ तक का रूट इस समय ओवरलोड परिवहन का गढ़ बन चुका है इसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर यहाँ ख़ानापूर्ति हो रही है. कोटा से लेकर चित्तौड़गढ़ तक 700 से अधिक ओवरलोड बल्कर ट्रकों का धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है. बहुत बार इन ओवरलोड ट्रकों के कारण सड़क हादसे भी हो चुके हैं लेकिन इसके बावज़ूद कभी अभियान चला कर इन ट्रकों पर कार्रवाई नहीं की गई है. बीते दिनों ACS परिवहन श्रेया गुहा ने RTO की VC में कोटा और चित्तौड़गढ़ के RTO को बल्कर ओवरलोड ट्रकों पर कार्रवाई के निर्देश दिये थे लेकिन ACS के निर्देशों के बाद भी दोनों ही RTO रीजन में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
प्रदेश में ओवरलोड परिवहन का गढ़ बना कोटा से चित्तौड़गढ़
हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में निकल रहे हैं बल्कर ट्रेन
कोटा, बारा, झालावाड़ के थर्मल प्लांटों से राख ले कर आते हैं यह बल्कर ट्रक
30 से 50 टन तक ओवरलोड हो कर किया जा रहा परिवहन
लेकिन परिवहन विभाग के उड़नदस्ते नहीं बना रहे है चालान
बल्कर ट्रकों के संचालन को लेकर जब फर्स्ट इंडिया ने पड़ताल की तो सामने आया कि कोटा से लेकर चित्तौड़गढ़ तक परिवहन विभाग के उड़नदस्तों को इन ट्रकों के चालान नहीं करने के निर्देश RTO की ओर से मिले हुए हैं. “मानक” कोडवर्ड से संचालित इन ट्रकों पर 170 किलोमीटर के इलाक़े में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है,बहुत अधिक दबाव होने पर कुछ ट्रकों का चालान कर ख़ानापूर्ति की जा रही है. अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे इस ओवरलोड परिवहन की शिकायत ACB तक भी पहुँची है. आने वाले दिनों में ACB ओवरलोड परिवहन के इस गठजोड़ पर कार्रवाई कर सकती है.