VIDEO: मुहाना मंडी क्षेत्र में विवादित बेशकीमती भूमि का मामला, भूमि पर हक को लेकर दो पक्षों के अपने-अपने दावे, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के मुहाना मंडी इलाके में विवादित बेशकीमती भूमि के मामले में जिम्मेदार सरकारी मशीनरी की भूमिका को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. मामले में जो भी पीड़ित है उन्हें न्याय दिलाने के बजाए टरकाया जा रहा है और उधर मौके पर निर्माण बदस्तूर जारी है. यह पूरा मामला रामसिंहपुरा ऊर्फ धौलाई तहसील सांगानेर में स्थित बेशकीमती भूमि का है. मुहाना मंडी इलाके में मौजूद इस भूमि को लेकर दो पक्षों के अपने-अपने दावे हैं. एक पक्ष का दावा है कि वे इसी भूमि पर श्री लक्ष्मी गृह निर्माण सहकारी समिति की योजना माता सरस्वती नगर के आवंटी हैं. जबकि दूसरे पक्ष का दावा है कि वे इसी भूमि पर इसी गृह निर्माण सहकारी समिति की योजना महा सरस्वती नगर के आवंटी हैं. 

मामले से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
-जेडीए ने भूमि पर माता सरस्वती नगर योजना मानते हुए पिछले वर्ष 22 दिसंबर को नियमन शिविर का कार्यक्रम जारी किया था
-इससे पहले जेडीए की ओर से योजना की भूमि की 90 ए कर दी गई
-नियमन शिविर से पहले 12 दिसंबर 2022 को एक पक्ष ने पुलिस में मामला दर्ज कराया 
-नियमन शिविर का कार्यक्रम जारी होने के बाद पुलिस ने जेडीए के जोन उपायुक्त को पत्र भेजा
-इस पत्र में प्रकरण में पुलिस में मामला दर्ज होने की जानकारी दी गई
-इस पत्र के बाद जेडीए के जोन उपायुक्त ने नियमन शिविर स्थगित कर दिया
-इस बेशकीमती भूमि पर एक पक्ष खुद को माता सरस्वती नगर योजना का आवंटी बताते हुए दावा कर रहा
-वहीं दूसरा पक्ष खुद को महा सरस्वती नगर योजना का आवंटी बताते हुए अपना दावा कर रहा है
-प्रकरण को लेकर पुलिस में मामला दर्ज है
-पुलिस ने अनुसंधान के दौरान श्री लक्ष्मी गृह निर्माण सहकारी समिति को नोटिस देकर जवाब मांगा 
-नोटिस पर सहकारी समिति ने बताया कि उसने माता सरस्वती नगर के नाम से योजना सृजित नहीं की
-सहकारी समिति ने जेडीए को भी पत्र भेजकर कहा कि इस नाम से समिति ने कोई योजना सृजित नहीं की
-हांलाकि सहकारी समिति ने यह भी स्वीकार नहीं किया है कि उसने महा सरस्वती नगर के नाम से योजना सृजित की है
-वहीं दूसरी तरफ जेडीए की वेबसाइट में महा सरस्वती नगर के आवंटियों की लिस्ट अपलोड की हुई है
-18 अगस्त 2010 को अपलोडेड इस लिस्ट में 83 आवंटी बताए गए हैं.
 -दो पक्षों के इस विवाद के बीच मौके पर भूमि पर काटे गए भूखंडों पर निर्माण जारी है

इस विवादित मामले को लेकर दो पक्षों के बीच आपसी विवाद है. इस पूरे मामले में आखिर पीड़ित कौन है और किसके साथ अन्याय हो रहा है. यह पता लगाने की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसियों की है. पीड़ित को इंसाफ दिलाने के बजाए मामले को लंबा खिंचा जा रहा है. ऐसे में इस पूरे मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं

कई सवाल हो रहे हैं खड़े? :
-जब मामले में भूमि के स्वामित्व को लेकर विवाद है तो फिर मौके पर निर्माण कार्य कैसे चल रहे हैं?
-आखिर क्यों जेडीए के जिम्मेदार अधिकारी मामले में आंखें मूंद कर बैठे हैं?
-मामले के एक पक्ष की ओर से सूचना के अधिकार के तहत पत्रावली मांगी गई है
-भूमि की 90 ए की जेडीए की कार्यवाही की पत्रावली मांगी गई है
-खुद जेडीए ने RTI में जानकारी देने के लिए राशि जमा कराने के लिए मांग पत्र दे दिया
-आवेदक ने 23 फरवरी 2023 को पत्रावली की फोटो प्रति के लिए राशि भी जमा करा दी
-इसके बावजूद आखिर क्यों 90 ए की पत्रावली की प्रति आवेदक को नहीं दी जा रही?
-क्या 90 ए की कार्यवाही में कोई गड़बड़ी सामने आने की आशंका है ?
-प्रकरण में पुलिस थाना मुहाना में 12 दिसंबर 2022 को मामला दर्ज कराया गया
-मामला दर्ज होने के चार महीने का समय बीतने के बावजूद पुलिस ने अब तक जांच पूरी नहीं की

इस विवादित मामले में जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. ताकि इस मौके की जमीन के जो असली हकदार हैं उनको जल्द मामले में राहत मिल सके.