VIDEO: ECI की चुनावी तैयारी, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने पर दिया जोर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: CEC राजीव कुमार ने कहा कि जो EVM को लेकर सवाल उठाते हैं, वे जब चुनाव जीतते हैं तो पछताते हैं. अपने दौरे के दौरान चुनाव तैयारी की समीक्षा के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को चुनाव लड़ते समय 3 प्रतिष्ठित अखबारों में प्रकाशन तो करना ही होगा, साथ ही ऐसे व्यक्ति को टिकट देने वाली पार्टियों को भी बताना होगा कि उन्होंने किन किन आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को प्रत्याशी बनाया है. आयोग को निर्वाचन विभाग की ओर से दिए गए प्रजेंटेशन से साफ हुआ है कि 2018 से चुनाव प्रबंधन में तैयारी एक स्तर आगे बढ़ चुकी है. 

भारत निर्वाचन आयोग की आज सीएस और डीजीपी के साथ बैठक के साथ ही राजस्थान की विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा पूरी हुई. आयोग के सामने जो तैयारी का पावर पॉइंट प्रजेंटेशन हुआ उसके मुताबिक राजस्थान के निर्वाचन विभाग ने विशिष्ट जनजातीय समूहों को जोड़ने में अग्रणी रहा है.

प्रदेश में मतदान केंद्र 51756

इनमें से शहरी मतदान केंद्र 10415

ग्रामीण मतदान केंद्र 41341

हर मतदान केंद्र में औसत वोटर 1002

इसमें खास है कि इस विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत यानि 26000 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग होगी.

खास बात यह भी है कि  इस बार अलग अलग श्रेणी अनुसार बूथ संचालित किए जाएंगे.

इसके तहत दिव्यांग द्वारा 200

महिलाओं और युवाओं द्वारा 1600-1600 बूथ संचालित होंगे. साथ ही 1600 आदर्श मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

अहम तथ्य यह है कि विशिष्ट जनजाति समूह के वोटर्स जोड़ने में राजस्थान अग्रणी रहा है. निर्वाचन विभाग ने सहारिया समुदाय के विशिष्ट जनजातीय समूह के

पात्र सौ फीसदी वोटर यानि 77343 लाख PVTG के पंजीकरण में सफलता पाई है.

इस समूह की कुल आबादी 1.18 लाख है. 

निर्वाचन विभाग द्वारा लगाए गए 24726 क्लस्टर कैंप की वजह से यह संभव हो पाया है.

95 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां महिला मतदाता पुरुषों से कम हैं जबकि ऐसे मतदान केंद्रों की संख्या 24665 है.

महिलाओं द्वारा पुरुषों से 5% तक कम वोटिंग वाले 10257  मतदान केंद्र हैं.

निर्वाचन विभाग की ओर से किए गए कैंपों के चलते नव विवाहित 29643 महिला मतदाता पंजीकृत हो पाई हैं.

वोटर लिंगानुपात हमेशा से चिंता का विषय रहा है लेकिन अब इसमें सुधार हुआ है और अब यह 920 हो गया है. यानी हर हजार पुरुष मतदाता पर 920 महिला मतदाता हैं.

इस विधानसभा चुनाव में 18 से 19 साल के 21.9 लाख पहली बार वोटिंग करेंगे.

1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को ली गई एडवांस एप्लीकेशन के बाद 6.31 लाख युवा मतदान के लिए पात्र हुए हैं.

इसके लिए कितने लिए ELC और अवेयरनेस प्रोग्राम-21000

बूथ स्तर पर 50745 चुनाव पाठशालाएं आयोजित की गई.

स्कूलों और कॉलेज में सोशल मीडिया कैंपेन चलाए गए.

कल 200 मतदान केंद्रों में 141 जनरल, ST आरक्षित 25, SC आरक्षित 34 मतदान केंद्र हैं.

14 जनवरी 2024 को राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है.

कुल 5 करोड़ 25 लाख वोटर्स में से पुरुष वोटर 2.73 करोड़ और महिला वोटर 2.51 करोड़ हैं. ट्रांसजेंडर वोटर 604 हैं.

80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता 11 लाख 80 हजार हैं.

फर्स्ट टाइम वोटर्स 21.9 लाख

दिव्यांग यानि PWD वोटर्स 5.61 लाख हैं.

सौ साल की आयु के 18462 वोटर्स हैं.

सर्विस वोटर 1.41 लाख हैं.

2018 से 2023 के चुनाव प्रबंधन और तैयारी की समीक्षा करें तो साफ है कि जहां 2018 में 2995 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग हुई वहीं इस बार के चुनाव में यह आंकड़ा 26000 पहुंच गया है.

वहीं महिला संचालित नियंत्रित मतदान केंद्र 2018 में 258 थे तो इस बार यह संख्या बढ़कर 1600 हो गई है.

वहीं दिव्यांग संचालित और नियंत्रित मतदान केंद्र 2018 में एक भी नहीं था और इस बार 200 मतदान केंद्रों में ऐसा होगा.

आदर्श मतदान केंद्र जहां 2018 में 210 थे जो कि इस बार के चुनाव में 1600 हो गए हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ किया है कि अभी दूसरे राज्य में काम कर रहे वोटर के खुद के मूल राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की वोटिंग के लिए रिमोट वोटिंग की प्रक्रिया को लेकर काम जारी है जिसमें राजनीतिक दलों के सुझावों को शामिल किया जा रहा है.

इसी के साथ निर्वाचन  विभाग ने अपनी तैयारी में मतदान केंद्रों में न्यूनतम सुविधा मिले, इसका खास ध्यान रखा है और अब इसकी मॉनिटरिंग तेज की जा रही है.