VIDEO: जेडीए में चल रहे खेल पर लगाम लगाने के लिए कवायद अधूरी, निदेशक आयोजना ने ठोस व्यवस्था लागू करने का दिया सुझाव, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जेडीए में संविदा पर लगे अरबन प्लानर्स और आर्किटेक्ट्स के माध्यम से कराए जा रहे "खेल" पर लगाम लगाने की कवायद पिछले करीब डेढ़ महीने से फाइलों में बंद है. आखिर ऐसी क्या कवायद है जो इस पूरे खेल को खत्म कर देगी.

जेडीए के विभिन्न जोन,मास्टर प्लान व बिल्डिंग प्लान शाखा में संविदा पर अरबन प्लानर्स और आर्किटेक्ट्स लगे हुए हैं. कई स्थानों पर ये कार्मिक नियमित नगर नियोजक की तरह काम कर रहे हैं. यहां तक जोन स्तरीय समिति (ZLC) में सदस्य सचिव के तौर पर उप नगर नियोजक या सहायक नगर नियोजक जैसे स्थायी पदनामों का भी प्रयोग कर रहे हैं. 

90 ए, ले आउट बिल्डिंग प्लान अनुमोदन,भू उपयोग परिवर्तन, उपविभाजन पुनर्गठन, भूमि आवंटन, भूमि समर्पण, जेडीए की योजना की प्लानिंग आदि मामलों की फाइलें नियमित नगर नियोजक के बजाए इन्हीं संविदा कर्मियों के माध्यम से सीधे जोन उपायुक्तों को भेजने के भी मामले सामने आए हैं. पिछले वर्ष नवंबर में कई नियमित नगर नियोजकों ने ने इस खेल को उजागर करते हुए इसे रोकने के लिए तत्कालीन जेडीए आयुक्त को ज्ञापन दिया था. आपको बताते हैं कि नगर नियोजकों के इस ज्ञापन पर किस तरह कवायद चली.

यूं चली कवायद

-नगर नियोजकों से ज्ञापन मिलने के बाद तत्कालीन जेडीए आयुक्त जोगाराम ने ज्ञापन पर निदेशक आयोजना से टिप्पणी मांगी

-निदेशक आयोजना ने यह फाइल अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक मास्टर प्लान, अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक बिल्डिंग प्लान

-और अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक ले आउट प्लान को भेजकर उनसे टिप्पणी मांगी

-इन तीनों अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजकों ने इस बेलगाम खेल पर लगाम लगाने के लिए एक जैसी राय दी

-इन तीनों अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजकों की राय को शामिल करते हुए निदेशक आयोजना ने फाइल पर समग्र राय दी

-निदेशक आयोजना ने संविदा कर्मियों के इस खेल को बंद करने के लिए ठोस व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया

-इसके बाद यह फाइल 4 दिसंबर 2023 को दुबारा तत्कालीन जेडीए आयुक्त जोगाराम को भेजी गई

-तत्कालीन जेडीए आयुक्त जोगाराम ने इसी दिन यह फाइल सचिव को भेजकर मामले के परीक्षण के निर्देश दिए

-डेढ़ महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद यह मामला अब तक कागजों में ही बंद है

जेडीए में जोनों में नियुक्त नियमित नगर नियोजकों के ज्ञापन पर चली फाइल पर निदेशक आयोजना ने मामले में ठोस व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया था. अगर यह व्यवस्था लागू की जाती है तो संविदा कर्मियों के खेल पर लगाम तो लगेगी साथ ही नियमित नगर नियोजकों की जिम्मेदारी भी तय हो सकेगी. आपको बताते हैं कि इस फाइल में क्या व्यवस्था प्रस्तावित की गई थी.

यह व्यवस्था लागू हो तो बंद हो खेल

-संविदा पर लगे अरबन प्लानर व आर्किटेक्ट इसी पदनाम का ही प्रयोग करते हुए ही फाइलों पर नोटिंग करें

-संबंधित प्रभारी अधिकारी की यह जिम्मेदारी हो कि ये संविदा कर्मी उप नगर नियोजक या 

-सहायक नगर नियोजक के पदनाम का प्रयोग नहीं करें

-संविदा कर्मी फाइल सीधे जोन उपायुक्तों को नहीं भेजें

-ये कार्मिक फाइल पहले जोन में लगे नियमित नगर नियोजकों को प्रस्तुत करें

-इन नगर नियोजकों के माध्यम से ही फाइलें जोन उपायुक्तों को भेजी जाएग

-जेडीए के जिन प्रकोष्ठों व जोनों में नियमित नगर नियोजक तैनात नहीं हैं

-उन प्रकोष्ठों व जोनों का अतिरिक्त कार्यभार अन्य प्रकोष्ठों व जोनों में लगे नगर नियोजकों को दिया जाए

-जोन उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि जोन स्तरीय समिति के सदस्य सचिव के तौर पर संविदा कर्मी हस्ताक्षर नहीं करें