चुनाव प्रचार, हजार किलोमीटर पार ! दूसरे राज्यों में प्रचार कर रहे है राजस्थान के प्रत्याशी, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए दोनों ही दलों ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा कि करीब चार सीटों के प्रत्याशी राजस्थान की बजाय राजस्थान से बाहर अपना प्रचार करने में जुटे हैं. ये प्रत्याशी राजस्थान में नहीं बल्कि तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र व गुजरात में प्रचार करने लगे हुए हैं. पहले केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने दक्षिण का दौरा किया, तो अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को लेकर दक्षिण भारत में पहुंच गए. आखिर क्या राजस्थानी प्रत्याशियों का दक्षिण भारत से कनेक्शन. देखिए हमारे ब्यूरो चीफ नरेश शर्मा की यह खास रिपोर्ट

यह तस्वीर है राजस्थान में लोकसभा के भाजपाई प्रत्याशी कैलाश चौधरी व लुम्बाराम की. कैलाश चौधरी बाड़मेर से तो लुंबाराम जालौर-सिरोही से चुनाव लड़ रहे हैं. ये नेता चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे व सूरत में अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं. और ये तस्वीरें देखिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनके पुत्र वैभव गहलोत की. वैभव गहलोत को जालौर सिरोही से कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है, लेकिन ये भी जालौर सिरोही की बजाय चेन्नई, बेंगलुरू व हैदराबाद में वोट मांग रहे हैं. कैलाश चौधरी व लुम्बाराम ने 13 मार्च को बड़ोदा व अंकलेश्वर में प्रवासी राजस्थानियों से वोट मांगे, तो 14 मार्च को बेंगलुरू व चेन्नई में अपना चुनाव प्रचार किया. 15 मार्च को भाजपाई नेता हैदराबाद पहुंच गए और अगले दिन यानि 16 मार्च को महाराष्ट्र के पुणे में जनसंपर्क किया. भाजपाई नेताओं में प्रत्याशियेां के अलावा राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग व विधायक अरुण चौधरी शामिल थे. इसके बाद बारी आई कांग्रेसी नेताओं की. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेसी प्रत्याशी वैभव गहलोत, पूर्व विधायक संयम लोढा, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी,भीनमाल विधायक सरमजीत सिंह, रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी, रेवदर विधायक मोतीराम कोली, पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई सहित इन जिलों के विधानसभा के कांग्रेसी प्रत्याशी मौजूद रहे. इस दौरान अशोक गहलोत ने यहां पर वैभव गहलोत के लिए वोट मांगे. 

यह सुनकर व तस्वीरे देखकर भले ही आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि राजस्थान के ये नेता व प्रत्याशी राजस्थान के बाहर जाकर प्रचार करने में क्यों जुटे हैं, तो आईये हम आपको राजनीति के इस अजीबोगरीब सच से रुबरु कराते है. दरअसल राजस्थान की चार से पांच लोकसभा सीट ऐसी है, जिनका परिणाम दूसरे राज्यों से तय होता है. इनमें जालौर सिरोही, पाली, जैसलमेर-बाड़मेर, जोधपुर तथा डूंगरपुर-बांसवाड़ा की सीटे हैं. दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में राजस्थानी प्रवासी रह रहे हैं. इनमें ज़्यादातर व्यवसायी-कारोबारी लोग और उनके परिवार शामिल हैं. ये प्रवासी मूल रूप से राजस्थान के निवासी हैं, लिहाज़ा इनका वोट राजस्थान में ही पड़ता है. चुनाव के दौरान ये प्रवासी राजस्थान आकर वोट डालते हैं. इन प्रवासियों में जोधपुर और जालोर-सिरोही क्षेत्र के परिवारों की भी अच्छी-खासी संख्या बताई जाती है. यही कारण है कि लोकसभा सीट के साथ-साथ दक्षिण भारत के राज्यों में भी व्यक्तिगत जाकर इन प्रवासियों से भी वोट अपील की जा रही है. बताया जाता है कि दक्षिण के प्रमुख शहरों में से हर शहर में राजस्थान के एक से दो लाख वोट है. अकेले महाराष्ट्र में राजस्थान के 10 लाख वोटर है.