निर्वाचन विभाग ने ट्रांसजेंडर वोटर्स को जोड़ने के लिए चलाया विशेष अभियान, 361 ट्रांसजेंडर वोटर्स बढ़े, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः लोकतंत्र में एक तबका ऐसा है जो अक्सर अपने वोटिंग के मूल अधिकार से अछूता माना जाता रहा है. निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव में इस अहम तबके ट्रांसजेंडर की उपयोगिता देखते हुए विशेष अभियान चलाया जिससे 2019 के लोकसभा चुनाव से इस बार 361 ट्रांसजेंडर वोटर्स बढ़े हैं. पेश है इस अलग तबके के वोटिंग आंकड़े और निर्वाचन विभाग के प्रयासों को लेकर यह खास रिपोर्ट

लोकतंत्र की खूबी यह है कि इसमें हर वंचित तबके को न सिर्फ शामिल करने का प्रयास होता है बल्कि उसकी वोट की कीमत भी वही होती है जो अन्य आम वोटर की. इसके चलते निर्वाचन विभाग ने खास अभियान चलाकर ट्रांसजेंडर वोटर्स को जोड़ा और पिछले लोकसभा चुनाव से ट्रांसजेंडर वोटर्स को संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई.

2019 के लोकसभा चुनाव में ट्रांसजेंडर वोटर्स थे 267

अब यह संख्या हुई 628

इनमें पहले चरण में 307 ट्रांसजेंडर वोटर्स हैं. 

गंगानगर में 65,बीकानेर में 32

चूरू में 19, झुंझुनूं में 13, सीकर में 14

जयपुर ग्रामीण में 8,जयपुर में 80, अलवर में 23,भरतपुर में 21,

करौली-धौलपुर में 16,दौसा में 4,  नागौर में 12 ट्रांसजेंडर वोटर्स हैं.

दूसरे चरण में अभी तक के आंकड़ों अनुसार 

321 ट्रांसजेंडर वोटर हैं कुल

टोंक-सवाई माधोपुर में 14,अजमेर में 26,पाली में 37,जोधपुर में 48, बाड़मेर में 9, जालोर में 14, उदयपुर में 19, बांसवाड़ा में 21

चित्तौड़गढ़ में 26,राजसमंद में 25, भीलवाड़ा में 18, कोटा में 38,  झालावाड़- बारां में 26 ट्रांसजेंडर वोटर्स हैं.

इसी के साथ निर्वाचन विभाग ने अन्य वंचित माने जाने वाली घुमंतू जातियों और तबकों को जोड़ने का प्रयास किया है.