VIDEO: राजस्थान कांग्रेस की चुनावी तैयारी; स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के साथ ही तैयारी तेज, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस चुनावी मोड में है.अब जल्द ही स्क्रीनिंग का काम शुरू होगा.असम के नेता गौरव गोगोई को राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की कमान सौंपी गई. गोगोई जल्द ही बैठक लेंगे लेकिन उससे पहले प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक होगी. सब कुछ ठीक रहा तो वादे के अनुसार सितंबर में कांग्रेस की पहली सूची सामने आ जाएगी. 

राजस्थान में कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी के बाद अब स्क्रीनिंग कमेटी सामने आ चुकी है. टिकट चयन के मद्देनजर स्क्रीनिंग कमेटी का कार्य बेहद अहम हैं. पैनल पर चर्चा और उसके बाद पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा अंतिम नाम.

--- स्क्रीनिंग कमेटी कैसे करेगी काम ----

स्क्रीनिंग कमेटी के पास PEC भेजती है नाम

स्क्रीनिंग कमेटी एक डॉकेट को fill करती है

इसमें दावेदारों के नाम और उसके बारे में पूरी जानकारी होती है

जीतने लोग टिकट के लिए अप्लाई करते है सबकी जानकारी रहती है

पीसीसी इस बारे में पूरी जानकारी मुहैया कराती है

स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य अपने स्तर पर भी जानकारी जुटा सकते है

एक नाम या इससे अधिक नाम भी हो सकते है

साथ ही ये भी स्क्रीनिंग कमेटी के पास दर्ज रहता है किस दावेदार के लिए किसने सिफारिश की

उदाहरण के लिए युवा कांग्रेस या जिला कांग्रेस 

इसके बाद पैनल बनाने का काम होता

कम से कम एक और अधिकतम तीन नाम का पैनल होता है

सबसे पहले स्क्रीनिंग कमेटी करेगी राजस्थान के नेताओं से पहले मुलाकात

लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी से पहले होगी PEC की बैठक

 प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक होगी

200विधानसभा क्षेत्रों से आए नामों पर विचार होगा

PEC के सदस्य स्थानीय स्तर पर जाकर भी दावेदारों के नाम जुटाने और खंगालने का काम करते है

सबसे आखिर राजस्थान की स्क्रीनिंग कमेटी पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के पास नाम भेजती है

चाहे सिफारिश एक नाम की हो या दो अथवा तीन

केंद्रीय चुनाव समिति अंतिम तौर पर उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगती है

असम के नेता और राहुल गांधी कैंप में शुमार गौरव गोगोई को राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी का जिम्मा सौंपा गया है. खास बात है कि किसी अधिक अनुभवी नेता के बजाय गौरव गोगोई एक युवा नेता के नाते राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की कमान संभालेंगे. असम के कद्दावर नेता रहे और पूर्व सीएम  तरुण गोगोई के बेटे है गौरव गोगोई परिवार शुरू से रहा है. गांधी परिवार के करीब युवा नेता को बड़े राज्य राजस्थान की कमान देने के सियासी अर्थ है. 50फीसदी टिकट युवा चेहरों को दिए जा सकते है और पूरा किया जायेगा उदयपुर कांग्रेस के मेमोरेंडम को दिल्ली के युवा नेता अभिषेक दत्त को स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है. साउथ दिल्ली से काउंसलर रह चुके है अभिषेक..दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके है. 
अभिषेक अमृता धवन के बाद  अभिषेक दिल्ली कांग्रेस के दूसरे नेता है जिन्हें राजस्थान कांग्रेस से जोड़ा गया है. कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य के तौर पर

उतराखंड कांग्रेस के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को जिम्मा सौंपा गया है. धन सिंह रावत सरीखे दिग्गज बीजेपी नेताओं को चुनाव हराने के कारण गणेश गोदियाल की ख्याति रही हालांकि पिछला विधानसभा चुनाव वो हार गए थे..गोदियाल उतराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के तौर पर राजस्थान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ,सचिन पायलट और डॉ सीपी जोशी को सदस्य बनाया गया. प्रभारी के नाते सुखजिंदर सिंह रंधावा सदस्य होंगे.

राजस्थान कांग्रेस के ये चेहरे जो टिकट वितरण के अहम किरदार होंगे !

स्क्रीनिंग कमेटी के निर्माण के साथ ही ये तय हो गया है

सीएम गहलोत,पीसीसी चीफ डोटासरा

सचिन पायलट और सीपी जोशी केंद्रीय भूमिका में होंगे 

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत मुख्य भूमिका में होंगे

टिकट वितरण में सीएम गहलोत के सुझाए नामों पर गंभीरता से विचार होगा

200विधानसभा क्षेत्रों की गहराई तक जानकारी अशोक गहलोत को हैं

गहलोत ही इस चुनाव में कांग्रेस के फेस भी हैं

गहलोत के बाद डोटासरा,पायलट और सीपी अहम किरदार रहेंगे

स्क्रीनिंग कमेटी को एक -एक नाम पर राय देने के ये अधिकृत होंगे

पूर्वी राजस्थान के टिकट वितरण में सचिन पायलट की भूमिका अहम होगी

मेरवाड़ा ,जयपुर ग्रामीण और हाड़ौती में पायलट की पसंद पर विचार होगा

सीपी जोशी की अहम भूमिका रहेगी मेवाड़-मेरवाड़ा में 

यहां उनके सुझाए नाम बेहद अहम होंगे

पीसीसी चीफ होने के नाते गोविंद सिंह डोटासरा पूरे राजस्थान पर अपनी दलील रखेंगे

शेखावाटी और किसान बहुल क्षेत्रों पर विशेष तौर पर फोकस

बहरहाल मधुसूदन मिस्त्री को कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान का ऑब्जर्वर पहले ही बना दिया. इसके साथ ही सभी 25लोकसभा सीटों पर बाहर के नेताओं को ऑब्जर्वर बनाया है. उम्मीदवार के नाम सुझाने में ऑब्जर्वर चाहे तो अपनी ओर से सुझाव स्क्रीनिंग कमेटी को दे सकता है. आखिरकार जीताऊ चेहरे का सिद्धांत ही अंतिम होता है.