जयपुर: जयपुर में अगले साल से कचरे से बनी बिजली उपलब्ध होगी. जमवारामगढ़ रोड पर लांगडियावास में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया गया है. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में प्रतिदिन 1000 टन कचरे की खपत होगी.
ग्रेटर और हेरिटेज दोनों निगमों से डोर-टू-डोर कचरा लांगडियावास पहुंचेगा. प्लांट से एक घंटे में 12 मेगावाट यानी 12000 यूनिट बिजली बनेगी. सातों दिन 24 घंटे प्लांट काम करेगा. सालाना औसतन 330 दिन बिजली बनेगी.
इस तरह पूरे साल में 3.30 लाख टन कचरे से 9.5 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी. ग्रिड सिस्टम से प्लांट में बनने वाली बिजली डिस्कॉम को सप्लाई की जाएगी. बिजली बनाने के उपयोग में एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) से पानी लिया जाएगा.
180 करोड़ रुपए का प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा. अभी दिल्ली, हैदराबाद, पुणे व जबलपुर आदि शहरों में ऐसे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगे हुए हैं.